सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग से इसी सप्ताह संभवतया एक-दो दिन में मंजूरी मिल जाएगी। प्रस्ताव के अनुसार प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी को पिछले साल के समान ही 6774 रुपए दिए जाएंगे। इससे सरकारी खजाने पर करीब 400 करोड़ रुपए का आर्थिक भार आने का अनुमान है। केन्द्र सरकार के बोनस की घोषणा के साथ ही राज्य सरकार इस मामले को लेकर सक्रिय हो गई, लेकिन राज्य में आचार संहिता लागू होने के कारण तुरन्त घोषणा नहीं हो पाई।
वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मंजूरी के बाद फाइल चुनाव आयोग की ओर से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी के पास मामला गया। शनिवार को मुख्य सचिव की कमेटी ने पिछले साल की तर्ज पर तैयार बोनस के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। वित्त विभाग ने अब मामला अंतिम मंजूरी के बाद चुनाव आयोग को भेज दिया है।
निगमों में मनमानी बोनस पर लगेगी लगाम आवासन मंडल और विभिन्न निगमों में दीपावली पर बोनस के रूप में आकर्षक तोहफे या मोटी रकम मिलने की शिकायत आती रही है, इस बार चुनाव आयोग की मंजूरी की बाध्यता के कारण इन पर लगाम लग सकती है।