
जयपुर। वर्तमान समय में बीपी का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। इस पर चर्चा को लेकर राजधानी में बीपीकॉन-2024 का आयोजन हुआ। जिसमें प्रदेश और देशभर के 500 से अधिक विशेषज्ञ एकत्रित हुए। भारतीय हाइपरटेंशन सोसायटी के 34वें वार्षिक सम्मेलन में प्रदेश और देशभर के कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, फिजीशियन, और एंडोक्राइनोलॉजिस्ट शामिल हुए। सम्मेलन में विशेषज्ञों ने बढ़ती हाइपरटेंशन (बीपी) की समस्या पर चिंता जताते हुए इसके इलाज के नए तरीकों और रिसर्च के अनुभव साझा किए।
आयोजन सचिव और एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर डॉ. पुनीत सक्सेना और अध्यक्ष डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि इस दो दिवसीय सम्मेलन में 50 से अधिक सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों में बीपी के कारण, जटिलताएं और उपचार पर गहन चर्चा की गई। डॉ. सक्सेना ने बताया कि आज की जीवन शैली के कारण बच्चों में भी बीपी की समस्या देखने को मिल रही है।
कॉन्फ्रेंस में कई कंपनियों ने अपने कियोस्क लगाकर बीपी और ईसीजी जैसी मशीनों का प्रदर्शन किया। ओमरोन हेल्थ केयर इंडिया ने स्मार्ट ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग और ईसीजी मशीनों को बाजार में उतारा है, जो स्मार्ट फोन से कनेक्ट हो सकती हैं। मैनेजिंग डायरेक्टर, ओमरोन हेल्थकेयर, तेत्सुया यामादा ने कहा कि बीपी को हल्के में लेना खतरे से खाली नहीं है। समय पर इलाज न कराने पर स्ट्रोक का जोखिम 4 गुना बढ़ सकता है।
Updated on:
15 Sept 2024 07:53 pm
Published on:
14 Sept 2024 08:40 pm
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