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Makar Sankranti: चाइनीज मांझा नाम से न बनें ‘बेवकूफ’, ‘मेड इन इंडिया’ है मौत का यह सामान, करें बहिष्कार

Chinese Manjha: सस्ता 'चाइनीज मांझा; कीमती जान ले रहा है। देशभर में चाइनीज मांझे पर कई साल से लागू प्रतिबंध के बावजूद इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से होता आ रहा है। पक्षियों, जानवरों से लेकर इंसानों के लिए काल साबित हो रहे इस मांझे से चीन के नाम पर ही सही, लेकिन दूरी बना लेने में ही भलाई है।

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जयपुर

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Amit Purohit

Jan 08, 2023

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Chinese Manjha

मकर सक्रांति की पतंगबाजी के बीच चाइनीज मांझे से दूरी बनाना जरूरी है। चाइनीज मांझा ग्लास कोटेड सिंथेटिक डोरी है, जिसका इस्तेमाल पतंग उड़ाने के लिए किया जाता है। यह मोनोफिलामेंट फिशिंग लाइन से बना है। ये मोनोफिलामेंट तार घातक हैं क्योंकि उन्हें तोड़ना बहुत कठिन है। वे पॉलिमर को पिघलाकर और मिलाकर बनाए जाते हैं। तार बनने के बाद, उन्हें फिर कांच से लेपित किया जाता है। तनी हुई, मोनोफिलामेंट स्ट्रिंग्स (Monofilament strings) में पंतंग बल्कि मनुष्यों और जानवरों को भी 'काटने की ताकत' आ जाती है।

कहां से आता है चाइनीज मांझा?
जानकारों के अनुसार चाइनीज मांझा का नाम भ्रामक है क्योंकि यह चीन से आयात नहीं किया जाता है, बल्कि इसे घरेलू स्तर पर उत्पादित किया जाता है। चीनी मांझा उत्तर प्रदेश के बरेली और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में बनाया जाता है, जहां से इसे ज्यादातर ऑनलाइन बेचा जाता है। चाइनीज मांझे की लोकप्रियता का मुख्य कारण इसकी कीमत है। यह सूती मांझे की तुलना में से एक तिहाई कीमत में मिल जाता है और पंतग काटने के लिहाज से कई गुना अधिक मजबूत है।बरेली के मांझे देश में सबसे बढ़िया माने जाते हैं। उच्च गुणवत्ता वाले सूती धागे को तेज बनाने के लिए गोंद चावल के आटे और अन्य सामग्रियों में लेपित किया जाता है, लेकिन यह जानवरों या मनुष्यों को घायल नहीं कर सकता।

चाइनीज मांझा की कानूनी स्थिति क्या है?
2016 में, दिल्ली में इसी तरह की घटनाओं में दो बच्चों की मौत हो गई। उनका गला पतंग की डोर से कट गया था। इसके बाद के महीनों में, दिल्ली सरकार ने ग्लास कोटेड मांझा पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना पारित की। 2017 में, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को एनजीटी ( National Green Tribunal) को स्थानांतरित करने के लिए कहा। इसी साल एनजीटी (NGT) ने नायलॉन या किसी सिंथेटिक सामग्री से बने मांझा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया। हालांकि, इस प्रतिबंध की धज्जियां उड़ती रहती है। मोटी कमाई के लालच में लोग इसे बनाते और बेचते हैं और सस्ते में दूसरों की पतंग काटने के लोभ में लोग इसे खरीदते हैं।

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