
रावण की तीए की बैठक, अस्थि विसर्जन के लिए दल वाराणसी रवाना, जयपुर में 16 को पगड़ी दस्तूर कार्यक्रम
हर्षित जैन / जयपुर। पूरे देश में दशहरे पर लंकेश यानि रावण दहन की परंपरा है लेकिन जयपुर के प्रताप नगर में रावण दहन के बाद विभिन्न रस्मों का भी निर्वहन किया जाता है। प्रतापनगर सेक्टर-8 स्थित व्यापार मंडल की ओर से हर साल रावण को मोक्ष दिलाने ब्राह्मण भोज कार्यक्रम होता है। इतना ही नहीं शुक्रवार को दहन के तीन दिन होने पर रावण की तीये की बैठक आयोजित की गई। इसके बाद अस्थि विसर्जन के लिए दल वाराणसी रवाना हुआ।
द्वादशी तक निभाएंगे रस्में
अध्यक्ष राजेन्द्र पटेल ने बताया कि रावण को जलाने के बाद उसके क्रियाकर्म सही तरीके से नहीं होने से समाज में रोजाना कई राक्षसों की उत्पत्ति होती है। इसलिए रावण दहन के बाद यह रस्में निभाई जाती है। मंडल की ओर से द्वादशी तक कार्यक्रमों की पूरी रस्में होगी। इससे पूर्व आज रावण दहन के तीसरे दिन तीये की बैठक हुई। इसमें रावण की तस्वीर के समक्ष माला पहनाई गई। इसके बाद दल वाराणसी के लिए गांधीनगर स्टेशन से रवाना हुआ। यहां वैदिक पंडितों से मंत्रोच्चार के बाद अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा। 16 अक्टूबर को प्रताप नगर स्थित एमरल्ड गार्डन में पगड़ी का दस्तूर कार्यक्रम होगा। जिसमें ब्राह्मण भोज सहित अन्य रस्में शामिल है।
11 साल पहले शुरू हुई रस्म
मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र पटेल ने बताया कि बीते 11 साल से यह कार्यक्रम हो रहा है। रावण दहन के बाद सात अक्टूबर को तीये की बैठक आयोजित कर अस्थियां विसर्जित किए जाने की रस्म निभाई जाती है। जगह-जगह रावण दहन कर उनकी अस्थियों का विसर्जन नहीं करने से जगह जगह रावण पैदा हो रहे हैं।
चोरी, डकैती, लूट खसोट बलात्कार, लड़ाई.झगड़े की घटनाएं बढ़ रही हैं। बुराई का सही तरीके से निदान कर दिया जाए तो हर प्रकार की परेशानी से बचा जा सकता है। इसलिए रावण के पूरे रीति रिवाज से यह कर्म किए जाते हैं, ताकि ऐसा रावण समाज में नहीं रह सके।
Published on:
07 Oct 2022 06:58 pm
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