राजस्थान में अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए होगी स्टूडेंट्स की परख

तृतीय आकलन मूल्यांकन परीक्षा 17 अप्रेल से, कक्षा 3, 4, 6 व 7 के दक्षता आधारित शिक्षण प्राप्त विद्यार्थियों का होगा आंकलन

<p>राजस्थान में अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए होगी स्टूडेंट्स की परख</p>

जयपुर। कोविड केे दौरान हुए लर्निंग लॉस को दूर करने के लिए शुरू किए गए राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम के तहत पढ़ाई पूरी करवाने के बाद अब स्टूडेंट्स के असेसमेंट की तैयारी विभाग ने शुरू कर दी है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए स्टूडेंट्स की परख की जाएगी और ऐसे स्टूडेंट्स को इस असेसमेंट में शामिल नहीं होंगे उन्हें रिपोर्ट कार्ड से वंचित रहना पड़ेगा। दक्षता आधारित शिक्षण के बाद सीखे कार्यों की तृतीय आकलन मूल्यांकन परीक्षा 17 अप्रेल से 20 अप्रेल तक होगी। इसमें कक्षा 3, 4, 6 व 7 के दक्षता आधारित शिक्षण प्राप्त विद्यार्थियों का आकलन किया जाएगा। अब तक इनके दो मूल्यांकन किए जा चुके हैं।

 

यह रहेगा मूल्यांकन का शेड्यूल
तृतीय आकलन मूल्यांकन में 17 अप्रेल को तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों का अंग्रेजी, चौथी कक्षा का गणित और सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों का हिंदी का आकलन किया जाएगा। 18 अप्रेल को तीसरी कक्षा की गणित, चौथी कक्षा की अंग्रेजी और छठीं कक्षा के विद्यार्थियों का हिंदी का आकलन होगा। 19 अप्रेल को चौथी कक्षा की हिंदी, छठी कक्षा की गणित और सातवीं कक्षा के विद्या र्थियों का गणित का आकलन किया जाएगा। 20 अप्रेल को तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों का हिंदी,छठी कक्षा का अंग्रेजी और सातवीं कक्षाा के विद्यार्थियों की गणित की मूल्यांकन परीक्षा आयोजित की जाएगी।

 

यह भी पढ़ें

ISRO Recruitment 2023: इसरो में बिना एग्जाम के जॉब पाने का मौका, इस तरह करें आवेदन

 

 

होंगे कॉम्पिटेंसी के सवाल
इसके लिए कॉम्पिटेंसी बेस्ड सवालों की क्वेश्चन बैंक बनाया गया है, जिसमें से क्वेश्चन पेपर सेट हो सकें। टीचर्स को सिर्फ बच्चे की आंसर कॉपी मोबाइल से फोटो खींच कर अपलोड करनी होगी। कॉपी चैक होते ही डिजिटली जेनरेटेड कॉम्पिटेंसी बेस्ड रिपोर्ट काड्र्स जनरेट होंगे जो सुंदर तो दिखेंगे ही साथ ही पिक्टोग्राफिक होंगे ताकि अर्ध शिक्षित पेरेंट्स भी अपने बच्चे की प्रोग्रेस समझ सकेंगे।

 

गौरतलब है कि कोविड के कारण हुई नौनिहालों की शैक्षिक क्षति की भरपाई के लिए वर्ष 2022-23 के बजट में 75 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रावधान से ब्रिज कार्यक्रम की घोषणा की गई थी। राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम के तहत ब्रिज कोर्स में रटने की बजाय सीखने पर बल दिया गया है। इसमें 75 लाख से अधिक स्टूडेंट्स को दक्षता आधारित वर्कबुक दी गई थी और अब उनका आकलन किया जाएगा।

 

पेपर वितरण की जिम्मेदारी पीईईओ की स्कूल में पेपर वितरण की जिम्मेदारी पीईईओ की होगी। स्कूलों में स्टूडेंट्स की उपस्थिति शत प्रतिशत होगी। वहीं विभागीय अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह परीक्षा के दौरान स्कूलों का दौरा करें। परीक्षा के बाद एप में उसी दिन फोटो अपलोड करनी होगी। हर कक्षा में चार पांच छात्रों के उत्तर पत्रों की जांच करनी होगी जिससे यह पता चल सके कि वह बिना किसी की मदद के खुद अपना पेपर सॉल्व कर रहे हैं।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.