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Borewell Accident: किरतपुरा की ढाणी बडियावाली में बोरवेल में गिरी बालिका चेतना की जिंदगी से जंग जारी है। रेस्क्यू ऑपरेशन भी कारगर नजर नहीं आ रहा। तीन वर्षीय बालिका अभी भी बोरवेल में फंसी है।
वहीं दूसरी तरफ प्रशासन ने अलवर से रैट माइनर्स की टीम को मौके पर बुलाया। इस टीम में कुल छह लोग शामिल हैं। यह वही टीम है, जिसने उत्तराखंड टनल में ऑपरेशन के दौरान मजदूरों को बुलाया था। प्रशासन का कहना है कि आवश्यकता होने पर इनका सहयोग लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि 160 फीट की खुदाई होने के बाद रैट माइनर्स की टीम को काम पर लगाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार जल्द ही रैट माइनर्स की टीम मोर्चा संभाल सकती है।
एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें लगातार बच्ची को बाहर निकालने के प्रयास में जुटे हैं, लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही। जुगाड़ तंत्र के सहारे शुरू किया रेस्क्यू ऑपरेशन कारगर साबित नहीं हुआ तो प्रशासन ने एस्कार्ट कर हरियाणा से पाइलिंग मशीन मंगवाई, लेकिन मशीन की ऊंचाई अधिक होने से इसे मुख्य सड़क से मौके तक पहुंचने के लिए चार घंटे लग गए।
बालिका जिस बोरवेल में गिरी है। उसके समीप रात को दस फीट का गहरा गड्ढा बनाकर वहां पाइलिंग मशीन के लिए प्लेटफार्म तैयार किया गया। पाइलिंग मशीन से सुबह बोरवेल के समानान्तर दूसरे बोरवेल की खुदाई शुरू की गई, लेकिन कुछ देर बाद इसे रोक दिया। उसके बाद से मशीन बंद है। फिलहाल जुगाड़ तंत्र के सहारे ही बालिका को बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
फरीदाबाद से आई पाइलिंग मशीन का उपयोग नहीं होने से अब 200 फीट गहराई तक वाली पाइलिंग मशीन दौसा से मंगवाई गई है। बताया जा रहा है कि दौसा जिले में गत दिनों बोरवेल में गिरे आर्यन को बाहर निकालने में इस मशीन का उपयोग किया गया था। बालिका की जिंदगी 68 घण्टे बाद भी बोरवेल में फंसी है।
बुधवार शाम को पाइलिंग मशीन से खुदाई कर इसमें बड़े पाइप डालने का कार्य शुरू किया गया। एसडीएम ब्रजेश चौधरी ने बताया कि इसमें 150 फीट पाइप डालने के बाद इसके समानान्तर 90 डिग्री पर हार्जिन्टेल टनल तैयार की जाएगी। टनल के माध्यम से एसडीआएफ टीम के विशेषज्ञ बालिका तक पहुंचकर इसे सुरक्षित निकालने का प्रयास करेंगे।
बालिका चेतना 150 फीट पर जाकर फंस गई थी। जुगाड़ तंत्र के सहारे 15 फीट तक लिफ्ट किया जा सका था। इसके बाद बोरवेल की मिट्टी ढहने से अवरोध हो गया। मंगलवार सुबह से बच्ची उसी स्थिति में वहीं फंसी हुई है।
प्रशासन के अधिकारी लगातार मौके पर मौजूद रह कर बचाव कार्य में जुटे हैं। पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत भी अभियान की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। विराटनगर विधायक कुलदीप धनकड़ ने भी मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू अभियान की प्रगति की जानकारी ली।
एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम ने बांदीकुई से लाए तीन युवकों के सहयोग से पाइप के जरिए रिंग तैयार कर बोरवेल में उतारा। रिंग में एक एलनुमा व एक वी नुमा हुक तैयार किया गया। प्रशासन के अनुसार बालिका के स्वेटर में हुक फंसने के बाद इसे लॉक कर दिया गया था, लेकिन जुगाड़ तंत्र के प्रयास सफल नहीं रहे और बालिका वहीं अटकी रही।
तीन दिन से प्रशासन के प्रयासों के बाद भी बालिका के बाहर नहीं आने से परिजनों में चिंता बढ़ रही है। उसकी मां का रो-रो कर बुरा हाल है। मां का कहना है कि उसकी बच्ची ने तीन दिन से कुछ नहीं खाया है। उसकी हालत कैसी है इस बारे में भी उसे कोई जानकारी नहीं दे रहा है।
Updated on:
26 Dec 2024 12:38 pm
Published on:
26 Dec 2024 08:15 am
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