
Eid-ul-Fitr Celebration in Jaipur: प्रदेशभर में सोमवार को ईद-उल-फित्र की नमाज पूरे अकीदत और एहतराम के साथ अदा की गई। राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों में हजारों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने ईद की नमाज अदा की। इस दौरान हिंदू-मुस्लिम एकता की शानदार मिसाल भी देखने को मिली। जयपुर में हिंदू समुदाय के लोगों ने ईदगाह में नमाज अदा कर रहे लोगों पर फूल बरसाए, जिससे गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक देखने को मिली।
बता दें, राजधानी जयपुर में दिल्ली रोड स्थित ईदगाह में ईद की मुख्य नमाज अदा की गई। राजस्थान के चीफ काजी खालिद उस्मानी ने हजारों नमाजियों को नमाज पढ़ाई। इस दौरान एक बेहद खास दृश्य देखने को मिला जब हिंदू समुदाय के लोगों ने ऊंचे मंच से मुस्लिम नमाजियों पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं। भगवा कुर्ता और कंधे पर भगवा गमछा लिए हिंदू समुदाय के लोग नमाज अदा कर रहे मुस्लिम समाज के लोगों पर फूल बरसाते नजर आए।
यह नज़ारा हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बन गया। बताया जा रहा है कि यह आयोजन 'हिंदू-मुस्लिम एकता कमेटी' द्वारा किया गया था, जिसका उद्देश्य समाज में भाईचारे और प्रेम का संदेश देना था।
अजमेर में मुख्य नमाज कैसरगंज ईदगाह में हुई। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह स्थित शाहजहानी मस्जिद में भी अकीदतमंदों ने नमाज अदा की। इस मौके पर दरगाह का जन्नती दरवाजा खोला गया, जहां जायरीन ने जियारत कर दुआएं मांगी।
जोधपुर में जालोरी गेट स्थित बड़ी ईदगाह में हजारों नमाजियों ने एक साथ नमाज अदा की। जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में देश में अमन-चैन और खुशहाली की दुआ की गई। इस दौरान शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
सीकर शहर की जामा मस्जिद में सुबह 8:45 से 9:15 बजे तक इमाम हाफिज मोहम्मद इब्राहिम ने नमाज कराई। इस दौरान सांसद अमराराम, विधायक राजेंद्र पारीक और जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा ने नमाज के बाद मुस्लिम समाज को ईद की मुबारकबाद दी।
ईद के इस मौके पर जयपुर ईदगाह में कुछ नमाजी बांह पर काली पट्टी बांधकर पहुंचे। यह विरोध वक्फ संशोधन बिल को लेकर था। उनका कहना था कि यह बिल वक्फ संपत्तियों के अधिकारों पर असर डाल सकता है, इसलिए वे अपने विरोध को शांतिपूर्ण तरीके से दर्ज करा रहे थे।
ईद की नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर ईद की बधाई दी और अमन-चैन की दुआएं मांगी। जयपुर ईदगाह में हिंदू समुदाय द्वारा नमाजियों पर फूल बरसाने का यह दृश्य एक सकारात्मक संदेश दे गया कि हम सभी धर्म, जाति और संप्रदाय से ऊपर उठकर इंसानियत और भाईचारे में यकीन रखते हैं।
Published on:
31 Mar 2025 12:19 pm
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