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ऑन ड्यूटी मौत तो रेलवे देगा शहीद जैसा दर्जा, रेलवे बोर्ड ने जारी किए निर्देश

ऑन ड्यूटी पर रेलवे कर्मचारियों की मृृत्यु होने पर अब उन्हें शहीदों जैसा सम्मान मिलेगा।

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जयपुर। ऑन ड्यूटी पर रेलवे कर्मचारियों की मृृत्यु होने पर अब उन्हें शहीदों जैसा सम्मान मिलेगा। साथ ही उसके अंतिम संस्कार में एक वरिष्ठ अधिकारी की उपस्थिति भी रहेगी, जो कर्मचारी के परिवार से मिलेगा और श्रद्धांजलि अर्पित करेगा। रेलवे बोर्ड स्तर पर हाल में यह निर्णय किया गया है। अभी तक किसी भी कर्मचारी की ऑन ड्यूटी मृत्यु के बाद रेलवे की ओर से कोई भी अधिकारी दाह संस्कार में शामिल नहीं होता था, लेकिन अब अनिवार्य रूप से यह व्यवस्था कर दी है। कर्मचारी संगठनों की ओर से रेलवे बोर्ड से यह मांग की जा रही थी। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक आलोक कुमार ने सभी जनरल मैनेजर को इस मामले में अपने स्तर पर गाइड लाइन बनाने को कहा है।

नए लुक में होंगे ट्रेकमैन
अब ट्रेकमैन को अच्छी गुणवत्ता की यूनिफॉर्म, शूज, जैकेट आदि दिए जाएंगे। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने ट्रेकमेंटेनर को दी जाने वाली यूनिफॉर्म और औजार (टूल किट्स) की समीक्षा करने के लिए 8 जनवरी 2018 को एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने रिपोर्ट दी है, जिसे बोर्ड ने अनुमोदन प्रदान करते हुए यूनिफार्म और औजार उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं।

ट्रेकमैन को ये मिलेंगे

सामग्री लागत

रेन कोट एक साल- 1200

सर्दी की जैकेट दो साल- 2500

सेफ्टी शूज साल में दो जोड़ी- 1400

सेफ्टी जैकेट साल में दो- 500

सेफ्टी हेलमेट एक साल- 1400

ट्राय कलर वाली टार्च एक साल 1000
(जहां तापमान अत्यंत कम रहता है वहां मिलिट्री के समान 10,000 रुपए तक की लागत वाली जैकेट, गर्म पेंट, ग्लव्ज, बर्फ में पहने जाने वाले शूज, कैप दिए जाएंगे)

देश में हर साल करीब 550 रेल कर्मचारियों की ड्यूटी पर काम करते समय मृत्यु हो जाती है। ड्यूटी के समय मृत्यु होने पर शहीद जैसा सम्मान दिए जाने और ट्रेकमैन को उच्च क्वालिटी के सामान दिए जाने की संगठन की मांग को रेलवे बोर्ड ने स्वीकार कर लिया है।
- मुकेश माथुर, महासचिव, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलाइज यूनियन