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SMS हॉस्पिटल के बाहर अतिक्रमण और गंदगी बनी सबसे बड़ी परेशानी, डॉक्टर बोले ‘पत्र लिखे, बातचीत भी हुई…लेकिन हालात जस के तस’

चारों तरफ वाहनों की रेलमपेल के कारण अस्पताल परिसर में आसानी से प्रवेश नहीं कर सकते। कई बार ओटी या आईसीयू तक पहुंचने की जल्दी होती है। लेकिन काफी समय लग जाता है।

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फोटो:पत्रिका

राजधानी के बड़े सरकारी अस्पतालों के आस-पास अतिक्रमण और गंदगी जैसी अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए अस्पताल प्रशासन नगर निगम से उम्मीद लगाए हुए है। लेकिन कोई मदद नहीं मिल रही। राजस्थान पत्रिका में 26 जुलाई के अंक में ’’मैं एसएमएस हूं, सेवा करता हूं, जीवन बचाता हूं…पर मेरा दम घोटा जा रहा है’’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किए जाने के बाद सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सकों का दर्द सामने आया।

चिकित्सकों ने कहा, अस्पताल के आस-पास गंदगी और इसके बीच खाद्य सामग्री की बिक्री विचलित करती है। चारों तरफ वाहनों की रेलमपेल के कारण अस्पताल परिसर में आसानी से प्रवेश नहीं कर सकते। कई बार ओटी या आईसीयू तक पहुंचने की जल्दी होती है। लेकिन काफी समय लग जाता है।

अस्पताल भवन के बाहर दुपहिया वाहन रास्ता रोकते हैं। चारों तरफ इस तरह गंदगी और अतिक्रमण अस्पताल के किसी चिकित्सक को अच्छे नहीं लगते। लेकिन बाहरी अव्यवस्थाएं नगर निगम के सहयोग बिना सुधर नहीं सकतीं। इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन नगर निगम आयुक्त को पत्र लिख चुके। लेकिन सुधार के कोई प्रयास अब तक नजर नहीं आए।

अस्पताल और मेडिकल कॉलेज ही नहीं हर चिकित्सक, स्टाफ और मरीज आस-पास सफाई और अतिक्रमण मुक्त परिसर चाहते हैं। मरीजों और परिजन के हित में भी यही है। इसके लिए नगर निगम से बात चल रही है। मैं दो पत्र निगम आयुक्त को लिख चुका हूं। फोन पर भी बात हुई है। अस्पताल में राजस्थान ही नहीं आस-पास के राज्यों से भी मरीज आते हैं। मिलकर प्रयास करेंगे तो हम अच्छा परिसर मरीजों और परिजन को दे पाएंगे।

डॉ.दीपक माहेश्वरी, प्राचार्य एवं नियंत्रक, एसएमएस मेडिकल कॉलेज

बातें हुईं, सुधार कोई नहीं कर पाया

अस्पताल प्रशासन के पत्र मिलने केे बाद पिछले एक माह में दो बार कार्रवाई की है। थड़ी-ठेले जब्त भी किए हैं। अब कार्रवाई नियमित रूप से करेंगे। सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए वहां एक टीम भी इस सप्ताह से लगाएंगे। -गौरव सैनी, आयुक्त, ग्रेटर निगम

सवाई मानसिंह अस्पताल के मुख्य भवन के सामने टोंक रोड, चरक भवन और मेडिकल कॉलेज के सामने जेएलएन मार्ग पर एसएमएस से सटकर थड़ी, ठेले, एंबुलेंस और अन्य वाहनों की भरमार रहती है। यहां से एसएमएस में प्रवेश करना मरीज तो दूर की बात परिजन के लिए भी आसान नहीं है। द्वार के आस-पास थड़ियों का कब्जा है। अस्पताल के चारों तरफ अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए पहले भी विचार हुए, लेकिन ठोस सुधार कभी नहीं हुए।