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राजस्थान में लुप्त हो रहे पेड़-पौधों का किया जा रहा है संरक्षण

झालाना में स्थित भारत का एकमात्र विश्व वानिकी वृक्ष उद्यान में बनाई गई नर्सरी में राजस्थान के विभिन्न प्रजाती के लुप्त हो रहे पेड़ पौधों का संरक्षण का कार्य किया जा रहा हैं। वृक्ष उधान में एक विशेष रेड हाऊस बनाया गया है, जिसमें पेड़-पौधों का संरक्षण किया जाता हैं।

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विश्व वानिकी वृक्ष उद्यान वन विभाग राजस्थान

राजस्थान में लुप्त हो रहे पेड़-पौधों का किया जा रहा है संरक्षण


जयपुर। झालाना में स्थित भारत का एकमात्र विश्व वानिकी वृक्ष उद्यान में बनाई गई नर्सरी में राजस्थान के विभिन्न प्रजाती के लुप्त हो रहे पेड़ पौधों का संरक्षण का कार्य किया जा रहा हैं। वृक्ष उधान में एक विशेष रेड हाऊस बनाया गया है, जिसमें पेड़-पौधों का संरक्षण किया जाता हैं। इसके अलावा इस विश्व वानिकी वृक्ष उद्यान में 40 से भी ज्यादा तरह-तरह के पक्षी पाएं जाते हैं। गार्डन में एक विशेष प्रकार का बोगनविला गार्डन बनाया गया जहां विभिन्न प्रकार के फूल वाले पौधों को उगाया जाता है

संरक्षण के लिए बनाया विशेष हाउस:

विश्व वानिकी वृक्ष उद्यान में बनाए गए रेड हाऊस में 15 से भी ज्यादा पेड़-पौधों का संरक्षण किया जा रहा हैं। इनके संरक्षण के लिए एक विशेष प्रकार का हाऊस बनाया गया जिसमें यह पौधे लगाए गए है। कुछ पौधों में ऐसी गुणकारी औषधी है जो मानव शरीर की बीमारियों को ठीक कर सकते हैं।

विश्व वानिकी वृक्ष उद्यान को 1986 में राष्ट्र को किया गया था समर्पित:
180 हेक्टेयर में फैले विश्व वानिकी उद्यान को पूर्व मुख्यमंत्री हरीदेव जोशी द्वारा 5 जून 1986 को राष्ट्र को समर्पित किया गया था। इस उद्यान में विश्व भर से 45से अधिक देशों के पौधे लगाया गए थे। लेकिन कुछ पौधे वातावरण सहन नहीं कर पाने के कारण वन से समाप्त हो गए। यह उद्यान जयपुर के प्रदूषण को कम करने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। यहां पर ऐसे भी पेड़ और पौधे मौजूद है जो प्रदुषण काफी हद तक कम करते हैं।

कम दर पर पेड़ों का किया जाता है वितरण:

फॉरेस्ट गार्ड राष्ट्रीय प्रभारी जितेंद्र सिंह नेगी बताते है कि यहां पर विभिन्न प्रकार के पौधों के संरक्षण के साथ लोगों को कम दर पर पौधों का वितरण भी किया जाता हैं। बरसात के दिनों से ही पौधों का वितरण शुरू कर दिया जाता हैं। प्रत्येक पौधें को 5 अथवा 8 रूपए में लोगों को वितरीत किया जाता हैं। पिछले साल हमने 60 हजार से ज्यादा पौधें लोगों को वितरीत किया था।

इन 16 पौधों का हो रहा है संरक्षण :

1.गुग्गुल
2.चित्रक
3.अर्जून
4.तनस
5.पीला ढाक
6. गुड़मार
7.सर्प गंधा
8.इन्द्रोक
9.पाडल
10. मालकाँगनी
11.नौ पत्ती
12.सिंदूरी
13.श्योनाक
14.कैंथ
15.रोहिड़ा
16.खिरनी