
ईआरसीपी परियोजना को लेकर रविवार को बड़ा फैसला हो सकता है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बीच योजना को लेकर वार्ता हुई। दोनों प्रदेश के अधिकारियों के बीच आज वार्ता होगी। इसके बाद शाम तक मो होने की संभावना है। संभावतया दिल्ली में समझौते को लेकर घोषणा की जा सकती है।
सीएम मोहन यादव ने जयपुर में प्रेसवार्ता में कहा कि मध्य प्रदेश में हमारी सरकार बनी, लेकिन राजस्थान सरकार ने ध्यान नहीं दिया। अब मुझे इस बात का संतोष है कि जैसे ही राजस्थान सरकार बनी, इस मुद्दे पर काम शुरू हुआ। मध्य प्रदेश सरकार तो पहले से उस मुद्दे को ले रही थी। इस योजना के पूरा होने से शिवपुरी, ग्वालियर ,भिंड, मुरैना, इंदौर, देवास सहित कई जिलों में न केवल पेयजल बल्कि औद्योगिक जरूरत को पूरा करेगी। इसमें 7 डेम बनेंगे। अभी कुछ इशू बाकी है। अधिकारी लेवल पर चर्चा जारी है। शाम तक इस पर फैसला हो जाएगा। उन्होंने कहा कि महाकाल की नगरी में रहता हूं, जल ही जीवन है के आधार पर संस्कृति को मानते हैं। उम्मीद है कि आज शाम तक हमारा एमओयू पूरा हो जाएगा। औद्योगिक निवेश, पेयजल, शैक्षणिक संस्थाओं को खुलने का धार्मिक पर्यटन के केंद्र बनेंगे। सिंचाई का बड़ा बेल्ट खुलेगा और हमारे ड्राई एरिया में पंजाब हरियाणा की तरह झलक दिखेगी।
इस मामले में उन्होंने केवल राजनीति की
सीएम भजन लाल शर्मा ने कहा कि हमारी जब से सरकार बनी तब से लगातार बातचीत चल रही थी। यह राजस्थान और मध्य प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण योजना है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नदी से नदी जोड़ने का जो सपना था। उसमें मध्य प्रदेश और राजस्थान आ रहा था। अटलजी के समय नींव रखी गई। लेकिन उसके बाद कांग्रेस की सरकार आ गई। 2013 में जब सरकार आई हमने फिर इस पर काम किया। इसकी डीपीआर बनाने का काम भी हुआ। इसके बाद दोनों जगह अलग-अलग पार्टियों की सरकार बनी। उन्होंने कहा कि किसी भी काम को करने के लिए इच्छा शक्ति की आवश्यकता होती है। लेकिन उन्होंने राजनीति के अलावा कुछ नहीं किया। राजस्थान के 13 जिले को इस योजना के पूरा होने से पानी मिलेगा। 2लाख 80000 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। कई हमारे वन क्षेत्र हैं, जिसमें हमे लाभ मिलेगा। प्रमुख रूप से पेयजल की जो समस्या है उसका समाधान होगा। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राजस्थान की जनता से हमने जो वादा किया, निश्चित रूप से जल्दी ही हम उस वादे को पूरा करेंगे। आज कुछ इशू है, कुछ प्रमुख बातें हैं उन सब का समावेश होगा।
राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच यह है विवाद
ईआरसीपी के लिए बांध बनाने व पानी के शेयर को लेकर मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच विवाद चल रहा है। राजस्थान सरकार का तर्क था कि 2005 में हुए समझौते के अनुसार ही बांध बनाए जा रहे हैं। यदि परियोजना में आने वाले बांध और बैराज का डूब क्षेत्र दूसरे राज्य की सीमा में नहीं आता हो तो ऐसे मामलों में राज्य की सहमति जरूरी नहीं है। मध्यप्रदेश सरकार ने ईआरसीपी के लिए एनओसी नहीं दी। जब पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने खुद के खर्च पर ईआरसीपी को पूरा करने का फैसला किया और बांध बनने लगे तो मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
Published on:
28 Jan 2024 02:42 pm
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