23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

खनन क्षेत्रों में न्यूनतम टैक्स लगाया तो भी 250 करोड़ तक मिल सकता राजस्व

खनन क्षेत्रों पर टैक्स लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से राज्य सरकारों को दी गई छूट के बाद राजस्थान में भी कर वसूली की जा सकती है। राज्य सरकार के स्तर पर अभी तक इसको लेकर तैयारी तो शुरू नहीं हुई, लेकिन सरकार खनन क्षेत्रों से न्यूनतम कर वसूली भी करे तो सालाना 230 से 250 करोड़ रुपए तक की आय हो सकती है।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

GAURAV JAIN

Aug 29, 2024

- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद टैक्स लगाने का मामला

जयपुर. खनन क्षेत्रों पर टैक्स लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से राज्य सरकारों को दी गई छूट के बाद राजस्थान में भी कर वसूली की जा सकती है। राज्य सरकार के स्तर पर अभी तक इसको लेकर तैयारी तो शुरू नहीं हुई, लेकिन सरकार खनन क्षेत्रों से न्यूनतम कर वसूली भी करे तो सालाना 230 से 250 करोड़ रुपए तक की आय हो सकती है। देश में राजस्थान खनिजों की उपलब्धता और विविधता के मामले में सबसे समृद्ध राज्य है। प्रदेश में 81 प्रकार के खनिज मौजूद हैं। इनमें से अभी 58 प्रकार के खनिजों का खनन हो रहा है। यह खनन प्रदेश की करीब 35 हजार खानों के जरिए 2 लाख 30 हजार हेक्टेयर भूमि पर हो रहा है।राजस्थान का सीसा, जस्ता, चांदी, जिप्सम, सोपस्टोन, बॉल क्ले, कैल्साइट, रॉक फॉस्फेट, फेल्डस्पार, काओलिन, कॉपर, जेस्पर, वोलास्टोनाइट आदि जैसे खनिजों में एकाधिकार है। राज्य में लिग्नाइट, कच्चा तेल और उच्च गुणवत्ता वाली गैस के विशाल भंडार भी मौजूद हैं। यहां संगमरमर, सैंड स्टोन और कई प्रकार के सजावटी पत्थरों के भंडार के लिए भी जाना जाता है। प्रदेश सरकार को खनन से सालाना करीब 7500 करोड़ रुपए की आय हो रही है। कर वसूली शुरू करने से आय में और बढ़ोतरी हो सकती है।

यों समझें वसूली का गणित

खनन क्षेत्रों से लैंड टैक्स के रूप में वसूली की जाती है तो यह नियम वित्त विभाग की ओर से बनाए जाएंगे। वित्त विभाग ही यह कर वसूल करेगा। प्रदेश में अभी खनन राज्य के कुल क्षेत्रफल का करीब 0.70 फीसदी है। जो 2 लाख 30 हजार हेक्टेयर से अधिक है। यदि खनन क्षेत्रों से प्रति वर्गमीटर 1 रुपए भी सालाना लैंड टैक्स लिया जाए तो भी 230 से 250 करोड़ रुपए तक सरकार को सालाना राजस्व मिल सकता है। यदि इससे ज्यादा वसूली के नियम सरकार बनाती है तो राजस्व आय में और बढ़ोतरी होगी।

खान संचालकों से वर्तमान में लिए जा रहे शुल्क

- रॉयल्टी - 8 से 500 रुपए प्रति टन तक

- डीएमएफटी - रॉयल्टी राशि की 10 से 30 फीसदी तक

- आरएसएमईटी - रॉयल्टी राशि की 2 फीसदी

- जीएसटी

- सीएसआर फंड

पुरानी वसूली की तो मिल सकते 5 हजार करोड़

सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रेल 2005 से कर की बकाया राशि की वसूली को लेकर भी छूट दी है। यदि राज्य सरकार ने इसकी वसूली की तो खनन उद्यमियों से 5 हजार करोड़ रुपए तक वसूले जा सकते हैं। हालांकि खान संचालकों का कहना है कि पुरानी वसूली से खनन उद्यमियों की स्थिति खराब हो जाएगी।