scriptFact Check: इंदौर का नहीं, श्रीलंका के मुम्ब्रा का है पुलिस लाठीचार्ज का वीडियो | Fact Check: Video of police lathicharge of Sri Lanka, not of Indore | Patrika News

Fact Check: इंदौर का नहीं, श्रीलंका के मुम्ब्रा का है पुलिस लाठीचार्ज का वीडियो

locationजयपुरPublished: Apr 09, 2020 07:55:19 pm

Submitted by:

Gaurav Mayank

इंदौर पुलिस द्वारा डॉक्टरों के हमलावरों की पिटाई का दावा, दावा- पुलिस ने हमलावरों की लाठियों से की पिटाई, सोशल मीडिया पर यूजर्स कर रहे पोस्ट शेयर, सच : यह वीडियो इंदौर का नहीं, श्रीलंका के कौसा का है, जानें इस वायरल पोस्ट की पूरी सच्चाई
 
 

Fact Check: इंदौर का नहीं, श्रीलंका के मुम्ब्रा का है पुलिस लाठीचार्ज का वीडियो

Fact Check: इंदौर का नहीं, श्रीलंका के मुम्ब्रा का है पुलिस लाठीचार्ज का वीडियो

सोशल मीडिया पर किसी फोटो और वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उसे वायरल किया जाता रहता है। वहीं किसी पुरानी फोटो और वीडियो को नया बताकर भी उसे शेयर किया जाता है। कई बार सच्चाई कोसों दूर होती है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग बिना सच जाने उसे वायरल करते रहते हैं।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिस वालों की ओर से कुछ लोगों पर लाठी भांजी जा रही है। वीडियो में दावा किया गया है कि इंदौर पुलिस ने डॉक्टरों की टीम पर पथराव करने वालों की पिटाई की है। आपको बता दें कि 1 अप्रैल को इंदौर के टाट पट्टी इलाके में कुछ लोगों ने डॉक्टर्स के एक ग्रुप पर तब पथराव कर दिया था, जब वो कोरोना वायरस की स्क्रीनिंग के लिए वहां पहुंचे थे। वायरल हो रहे वीडियो को भी इसी घटना से जोड़ कर दिखाया जा रहा है। राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इस दावे की जांच की तो पता चला कि यह दावा गलत है। इस पोस्ट की पड़ताल की तो सच्चाई कुछ और ही सामने आई। हमें जांच में पता चला कि ये घटना श्रीलंका के मुम्ब्रा की है , न की इंदौर से।
यह हो रहा वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के साथ इंदौर की घटना का दावा किया जा रहा है। लगभग 20 सेकंड लंबे इस वीडियो में एक गली में कुछ पुलिस वाले दो लोगों को लाठियों से पीटते हुए नजर आते हैं। इसमें दावे किया है कि वीडियो के साथ एक कैप्शन है ‘मामा ऑन फायर… इंदौर, एमपी वही मोहल्ला है, जहां डॉक्टरों पर हमला हुआ था।’ फेसबुक पर एक नितेश मिश्रा- टीम कर्तव्य ने इस वीडियो को शेयर किया है, जिसे अब तक करीब 2 लाख 92 हजार लोग देख चुके हैं। वहीं करीब 5 हजार 5 सौ लोगों ने इस वीडियो को शेयर किया है। वहीं करीब 9 हजार लोगों ने लाइक किया है। ऐसा ही ट्विटर पर भी यूजर्स इस दावे के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं।
जांच
वायरल वीडियो की जांच से पहले आपको बता दें कि इंदौर के टाट पट्टी इलाके में एक अप्रेल को डॉक्टर्स की एक टीम पर वहां के लोगों ने तब हमला कर दिया था, जब वो वहां एक व्यक्ति के स्क्रीनिंग के लिए पहुंचे थे। इस सिलसिले में पुलिस ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इंदौर में पिछले कुछ दिनों में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद सोशल मीडिया पर पुलिस की कार्रवाई में पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था। राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इस दावे की जांच शुरू की। यह वीडियो कई फेसबुक पेजेज और ट्विटर हैंडल्स से भी वायरल हो रहा है। राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने रिवर्स इमेज सर्च के सहारे इस तस्वीर के बारे में अधिक जानकारी लेने की कोशिश की। हमें यही वीडियो यूट्यूब पर भी मिला। वीडियो 28 मार्च 2020 को अपलोड किया गया था। हालांकि इस वीडियो में घटना के बारे में कुछ खास जानकारी नहीं दी गई थी। सिवाय एक कैप्शन के जिसमें लिखा था ‘दो ग्रुप्स की झड़प में पुलिस की लाठी से पिट गए तमाशा देखने वाले’। इस वीडियो के साथ मुम्ब्रा पुलिस को भी हैशटैग किया गया है। मुम्ब्रा पुलिस ने बताया कि घटना वाकई वहीं की है।” घटना का लॉकडाउन से कोई संबंद्ध नहीं है। ये दो गुटों की आपसी झड़प का वीडियो है। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। पुलिस वाले ने बताया कि घटना मुम्ब्रा के कौसा श्रीलंका एरिया से है।” इसके अलावा एक दूसरा यूट्यूब वीडियो हमें मिला, जिसमें वायरल क्लिप का एक लंबा वर्शन मौजूद है। वीडियो के हिसाब से ये घटना कौसा श्रीलंका में 27 मार्च को घटित हुई थी। आपस में भिड़ते दिख रहे लोग असल में दो लोकल नेताओं के समर्थक हैं। जहां एक ग्रुप ने दावा किया कि झगड़ा अवैध निर्माण की शिकायत करने के कारण हुआ है। वहीं दूसरे ग्रुप ने कहा कि झगड़े के पीछे कारण है लॉकडाउन के दौरान गरीबों को राशन देने के कारण पैदा हुई ईष्र्या।
सच
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इस दावे की जांच शुरू की। हमने पाया कि वायरल वीडियो इंदौर पुलिस की ओर से लोगों पर मारपीट का नहीं है। यह वीडियो श्रीलंका के कौसा का है। जहां दो लोकल नेताओं के समर्थकों के भिडऩे के बाद पुलिस ने कार्रवाई की थी। इस वीडियो का इंदौर से कोई संबंध नहीं है।
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