
Jaipur News: पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में चले प्रशासन शहरों के संग अभियान में जारी फर्जी पट्टों की एसओजी या एसीबी से जांच का दायरा फैलेगा। इसमें प्रदेशभर के विकास प्राधिकरण, नगर विकास न्यास, नगरीय निकायों में भी ऐसे मामलों की जांच सौंपी जा सकती है। इसके लिए नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग स्तर पर संभावना तलाशी जा रही है। सभी निकाय, विकास प्राधिकरण से एक बार फिर ऐसे सभी मामलों की सूची मांगी गई है। इनमें ज्यादातर मामले नगरीय निकायों के हैं। गौरतलब है कि नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने दो दिन पहले जोधपुर में वहां के निगम और विकास प्राधिकरण के फर्जी पट्टों की जांच एसओजी या एसीबी से कराने की बात कही थी।
यह मामला विधानसभा में भी गूंज चुका है। पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और खर्रा के बीच बहस भी हुई। नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सदन में बताया था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय में अभियान के दौरान भारी अनियमितताएं हुई, कई रिकॉर्ड-फाइलें गायब हैं। जांच के बाद 260 पट्टे निरस्त कर 25 एफआईआर दर्ज की गई है।
- सैटेलाइट इमेज का भी सहारा लें, ताकि पता लगाया जा सके कि जिस दिन के आधार पर पट्टे जारी किए गए, उस दौरान वहां योजना या भवन था भी या नहीं।
- सार्वजनिक सूचना जारी कर अधिकारिक रूप से जनता से शिकायत आमंत्रित करें, ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रभावित लोग सामने आएं।
Updated on:
20 Oct 2024 10:17 am
Published on:
20 Oct 2024 09:44 am
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