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जयपुर

डाक विभाग ‘मुस्तैद’, लेकिन पुलिस चल रही सुस्त चाल…

डाक विभाग की ओर से ग्रामीण डाक सेवक भर्ती परीक्षा में फर्जी अंकतालिका लगाकर नौकरी लगने की कोशिश करने वाले तीन और अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर की तैयारी की जा रही है। इन तीनों अभ्यर्थियों ने एक ही बोर्ड से मार्कशीट बनवाई थी।

जयपुरNov 27, 2022 / 02:16 pm

Arvind Palawat

डाक विभाग 'मुस्तैद', लेकिन पुलिस चल रही सुस्त चाल

डाक विभाग ‘मुस्तैद’, लेकिन पुलिस चल रही सुस्त चाल

जयपुर। डाक विभाग की ओर से ग्रामीण डाक सेवक भर्ती परीक्षा में फर्जी अंकतालिका लगाकर नौकरी लगने की कोशिश करने वाले तीन और अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर की तैयारी की जा रही है। इन तीनों अभ्यर्थियों ने एक ही बोर्ड से मार्कशीट बनवाई थी। डाक विभाग जहां फर्जी अंकतालिका के मामले को लेकर सतर्क हैं, वहीं पुलिस की जांच अभी तक आगे नहीं बढ़ी है। बता दें कि एक वर्ष पहले जो एफआईआर दर्ज कराई गई थी, उसमें शास्त्री नगर थाना पुलिस अब तक जांच पूरी कर एक भी आरोपी को नहीं पकड़ पाई है। ऐसे में फर्जी अंकतालिका बनाने वाले दलालों के भी हौंसले बुलंद हो रहे हैं।
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अधीक्षक डाकघर जयपुर देहात मंडल मोहन सिंह मीणा ने बताया कि जिन तीन अभ्यर्थियों की मार्कशीट फर्जी पाई गई है, उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी पूरी कर ली गई है। सोमवार को तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। तीनों ने एक ही बोर्ड से मार्कशीट बनवाई थी, जिनमें दो मार्कशीट एक समान थी और तीसरी में अंतर दिखाई दे रहा था। जबकि तीनों मार्कशीट में 10वीं की परीक्षा एक ही साल में उत्तीर्ण की गई थी। ऐसे में संदेह पैदा हुआ तो बोर्ड को पत्र भेजा गया। जिसमें उनकी ओर से लिखित जवाब मिल चुका है कि मार्कशीट फर्जी है।

राजस्थान और सीबीएसई बोर्ड के नाम की कोई फर्जी मार्कशीट नहीं
मीणा ने बताया कि अभी तक राजस्थान बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड की कोई भी फर्जी मार्कशीट नहीं मिली है। इसका कारण यह हो सकता है कि दलालों को यह लगता होगा कि डाक विभाग तत्काल इन मार्कशीट को जांच लेगा। इसलिए वे दूर के राज्यों की फर्जी मार्कशीट तैयार कर लोगों को दे रहे हैं।
यह है मामला
डाक विभाग की ओर से कई राज्यों में ग्रामीण डाक सेवक भर्ती आयोजित की गई थी। जिसमें मेरिट 10वीं कक्षा के अंकों के आधार पर बनती हैं। ऐसे में नौकरी हासिल करने के लिए कई अभ्यर्थियों ने ज्यादा अंकों के साथ 10वीं की मार्कशीट बनवा ली। जब उनकी जांच की गई तो वे फर्जी निकली। साथ ही जब अभ्यर्थी दस्तावेज सत्यापन कराने पहुंचें तो उनसे विभाग के अधिकारियों ने कुछ सवाल कर लिए, जिनका वे जवाब ही नहीं दे सके। ऐसे में ये संदेह गहरा हो गया और मार्कशीट जांच में जाली निकली।

‘मेरा तबादला हो गया’
जब इस मामले में शास्त्री नगर थाने के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर हेमंत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनका तबादला हो गया है। ऐसे में वे यहां से रिलीव हो रहे हैं। जांच अब किसी नए पुलिस अधिकारी को दी जाएगी।

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