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Modi सरकार के विरोध के बीच Rajasthan के किसान कर रहे Gehlot सरकार का विरोध, जानें क्यूं?

किसान नेताओं पर दर्ज पुलिस मुकदमे का मामला, किसानों ने राज्य सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, नागौर के कुचामन में एकजुट हो रहे नेता और किसान, संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले हो रहा विरोध, अभी सभा, मांगें नहीं मानी तो कुचामन थाने का होगा घेराव  

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farmers protest against gehlot government in kuchaman nagaur

कुचामन, नागौर / जयपुर।

नागौर के जिलिया टोल प्लाज़ा पर विरोध कर रहे किसानों पर मुकदमे दर्ज किये जाने का मामला गर्माया हुआ है। पुलिस की इस कार्यवाई के विरोध में आज कई गाँवों के किसान कुचामन में एकजुट हो रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विरोध जताने उतरे किसान फिलहाल कृषि मंडी में सभा कर रहे हैं। सभा में शामिल होने के लिए कॉमरेड अमराराम सहित अन्य कई किसान नेता भी कुचामन पहुँच गए हैं।

जानकारी के अनुसार पहले पुलिस और प्रशासन के साथ वार्ता करके इस गतिरोध को ख़त्म करने की कोशिश की जायेगी। लेकिन यदि वार्ता बेनतीजा रही तो किसान कुचामन थाने पर पहुंचकर थाने का घेराव करेंगे और बेमियादी पड़ाव पर बैठ जायेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेता कॉमरेड अमराराम का कहना है कि एक तरफ गहलोत सरकार किसान हितैषी होने का दम भरती है, वहीं दूसरी तरफ किसानों पर झूठे मुकदमे दर्ज करके किसानों को डराने का भी काम कर रही है।

वहीं भारतीय किसान यूनियन के युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम सिंह मीणा ने बताया कि किसानों पर झूठे मुकदमे दर्ज कर सरकार और प्रशासन किसानों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वे किसान हित में पीछे नहीं हटेंगे और अपनी आवाज़ उठाते रहेंगे। सरकार से मांग करते हैं कि किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए नहीं तो आन्दोलन को और गति दी जायेगी।

इधर, कई गाँवों से किसानों के एकजुट होने की खबर के बाद कुचामन में भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया है। हालात बेकाबू ना हों इसके लिए अतिरिक्त जाप्ता मौके पर तैनात किया गया है।

ये है मामला
केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के तहत किसान जगह-जगह टोलबंदी करके विरोध प्रदर्शित कर रहे हैं। लेकिन कुचामन स्थित जिलिया टोल प्लाज़ा पर धरना दे रहे किसान नेताओं और अन्य किसानों पर टोल कंपनी ने मुक़दमे दर्ज करवा दिए। इनमें कॉमरेड भागीरथ यादव और कॉमरेड भागीरथ नेतड जैसे वरिष्ठ किसान नेताओं के नाम भी शामिल हैं। किसान नेताओं पर विभिन्न संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज किये गए हैं।