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3000 दोगे तो प्रमाण पत्र बनवा देंगे, ई-मित्रों पर प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर युवाओं से लूट

शहर के ई-मित्रों पर प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर युवाओं से लूट हो रही है। पेंडेंसी और जटिल प्रक्रिया बताकर जल्दी काम करवाने के युवाओं से मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है।

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जयपुर

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Vijay Sharma

Jul 03, 2023

Fee being charged in the name of making certificate on eMitra in jaipur

विजय शर्मा/जयपुर। शहर के ई-मित्रों पर प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर युवाओं से लूट हो रही है। पेंडेंसी और जटिल प्रक्रिया बताकर जल्दी काम करवाने के युवाओं से मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है। कॉलेजों में एडमिशन और भर्तियों में आवेदन के लिए प्रमाण पत्रों की जरुरत पड़ रही है। ऐसे में मजबूरन युवा झांसे में भी आ रहे हैं। लगातार मामले आने के बाद राजस्थान पत्रिका ने रविवार को शहर के वैशाली नगर, खातीपुरा, झालाना, आदर्शनगर, निवारू रोड सहित कई जगहों पर एक दर्जन से अधिक ई मित्रों पर जाकर रियलिटी चैक किया। इस दौरान चौंकाने वाले नजारे सामने आए। बेझिझक ई मित्र संचालक प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर तीन से चार हजार रुपए तक वसूल रहे हैं। सात से दस दिन मेे काम करवाने का दावा कर रहे हैं।

केस-1
तीन हजार दे जाओ, 10 दिन में बनवाकर दे दूंगा
जगह : नर्सरी सर्कल ई मित्र
- रिपोर्टर : ईडब्ल्यूएस और मूल निवास बनाते हो क्या
- ई मित्र : बन जाएगा, बताओ क्या बनवाना है
- रिपोर्टर : दोनों बनवाने हैं कितने लगेंगे
- ई-मित्र : दोनों के 2800 रुपए लगेंगे
- रिपोर्टर : बहुत ज्यदा है, रसीद तो कम की कटती है
- ई- मित्र : कलक्ट्रेट चक्कर लगाने पड़ेगे, पेडेंसी चल रही है। आप को 10 दिन में बनवाकर दें देंगे।

केस-2
कलक्ट्रेट चक्कर लगाने पड़ेगे, काम आसान करवा दूंगा
जगह : निवारू रोड बस स्टैंड
रिपोर्टर : ईडब्ल्यूएस बनवाना है, काम हो जाएगा
ई-मित्र : बनवा देंगे, साढ़े तीन हजार रुपए लगेंगे
रिपोर्टर : इतने क्यों, पैसे तो इतने नहीं लगते
ई मित्र : आवेदन करना है तो करवा देंगे, लेकिन कलक्ट्रेट में चक्कर लगाना पड़ेगा।
रिपोर्टर : थोड़ा कम नहीं होगा
ई-मित्र : पेंडेंसी चल रही है, काम जल्दी करवाएंगे

50 रुपए लगता है शुल्क, 7 से 10 दिन की होती प्रक्रिया
ईडब्ल्यूएस, मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया के बारे में लोग जागरुक नहीं है। यही कारण है कि लोग झांसे में आकर मनमाना शुल्क दे देते हैं। दरअसल, प्रत्येक प्रमाण पत्र बनवाने का शुल्क 50 रुपए तय है। इसके अतिरिक्त संचालक 20 से 30 रुपए आवेदन करने और प्रिंट के लेते हैं। ऐसे में एक प्रमाण पत्र के न्यूूनतम 70 रुपए तक लिए जा सकते हैं।

आवेदन करने के बाद प्रमाण पत्र को तहसीलदार स्तर से अप्रूव किया जाता है। यह प्रक्रिया दो से तीन में पूरी हो जाती है। इसके बाद एसडीएम स्तर पर द्वितीय लेवल के लिए आवेदन जाता है। यहां भी तीन दिन में प्रमाण पत्र अप्रूव हो जाता है। अगर दस्तावेज पूरे हो तो सात दिन में प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। देरी होने पर एसडीएम की ओर से प्रोविजन प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया जाता है।

हकीकत : कलक्ट्रेट में कोई पेंडेंसी नहीं
ई-मित्रों पर प्रमाण पत्र बनवाने जा रहे लोगों को पेंडेंसी का झूठ बोला जा रहा है। राजस्थान पत्रिका की पड़ताल में हकीकत सामने आई। बीते शनिवार तक कोई पेंडेंसी नहीं है। इससे साफ जाहिर होता है कि ई मित्रों पर पेंडेंसी का नाम लेकर लोगों को डराया जा रहा है और लोगों ने वसूली की जा रही है।

ई-मित्र पर प्रत्येक सेवा का शुल्क तय है। इससे अधिक वे लोगों ने नहीें ले सकते। अगर ई-मित्र संचालकों की ओर से शुल्क वसूला जा रहा है तो कार्यवाही की जाएगी। पीडि़त एसडीएम कार्यालय में शिकायत कर सकते हैं।
राकेश मीणा, एसडीएम जयपुर