
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकार ने सिर्फ मुंगेरी लाल के सपने दिखाए, किया कुछ नहीं। कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ने राजस्थान को ऐसी वित्तीय स्थिति में ला दिया कि उनको अब बोलने का अधिकार नहीं है। उनको बोलना ही था तो अपनी सरकार के समय बोलते।
राजस्थान विधानसभा में बजट बहस पर जवाब के दौरान उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने करीब एक घंटे तक विपक्ष पर निशाना साधा और कई नई घोषणाएं भी कीं। दिया कुमारी ने कहा कि यह दूरगामी सोच का बजट है। यह बजट पांच साल का नहीं है। यह बजट विकसित राजस्थान का बजट है। डबल इंजन की सरकार है। अब राजस्थान में काम होंगे। हम इसी सरकार में प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास भी करेंगे और उद्घाटन भी करेंगे। विपक्ष के सदस्य भविष्य में भी वहीं बैठने की आदत डाल लें।
दिया कुमारी ने अपने भाषण के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, गोविन्द सिंह डोटासरा सहित कई सदस्यों पर कटाक्ष किए। नेता प्रतिपक्ष पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि हमने दीर्घकालीन सोच रखते हुए बजट पेश किया है। आप अपनी सरकार में सुझाव दे देते तो प्रदेश की ऐसी वित्तीय स्थिति नहीं होती। आपने तो खजाना ही खाली कर दिया।
प्रदेश जब कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा था, तब कांग्रेस सरकार होटलों में बंद थी। अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रदेश को अपने हाल पर छोड़ दिया। कांग्रेस कर्ज लेकर घी पीती रही। उस सरकार में सीएम और डिप्टी सीएम के बीच संवादहीनता थी, जिसके चलते डिप्टी सीएम को मंत्रिमंडल छोड़ना पड़ा।
पिछली सरकार ने पानी के लिए काम नहीं किया। जल जीवन मिशन को लागू नहीं करवा सके और अब कह रहे हैं कि पानी की व्यवस्था तो करो। हमने तो कुछ समय में ही पानी को लेकर बड़े काम किए हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने सिर्फ बिजली खरीद पर ही फोकस किया। बिजली उत्पादन पर ध्यान ही नहीं दिया।
राजकोषीय घाटा कांग्रेस ने बढ़ाया: 2017-18 में भाजपा सरकार 3.04 प्रतिशत राजकोषीय घाटा छोड़ कर गई थी, लेकिन पिछली सरकार अनियंत्रित तरीके से घाटा 4.26 प्रतिशत तक ले गई। इसे कम करके हम वित्तीय वर्ष में 3.93 प्रतिशत तक लाने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस की पिछली सरकार ने इतना ऋण लिया, जितना छह दशक की सरकारों ने लिया था।
बजट बहस पर दिया कुमारी के जवाब के दौरान कई बार सदन में हंगामा हुआ। दिया कुमारी के भाषण के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। दिया कुमारी ने कहा कि राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा सहित अन्य सदस्यों ने अपनी बहस में केंद्र सरकार की बात ज्यादा की। इन सदस्यों को प्रदेश की जनता की चिंता नहीं है। शायद रोहित बोहरा सांसद बनना चाहते हैं। इस पर रोहित बोहरा सहित अन्य विपक्ष के अन्य विधायकों ने इसका विरोध जताया। विपक्ष के सदस्य रोहित बोहरा को तो विस अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को यह कहना पड़ा कि तीन बार हंगामा कर चुके हो। अबकि बार बोले तो बाहर निकालने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
Updated on:
17 Jul 2024 09:39 am
Published on:
17 Jul 2024 09:29 am
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