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कायदों के फेर में उलझी प्रदेश की पहली सशस्त्र बल प्रशिक्षण अकादमी

सीकर जिले में बनने वाली सशस्त्र बल प्रशिक्षण अकादमी (Armed Forces Training Academy) एक साल से कायदों के फेर में उलझी (Entangled in the rules) हुई है। साढ़े 31 करोड़ का बजट होने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। इस वजह से युवाओं की सेना में अफसर (Army officer) बनने की उम्मीद टूटती जा रही है।

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जयपुर

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vinod saini

Mar 13, 2020

कायदों के फेर में उलझी प्रदेश की पहली सशस्त्र बल प्रशिक्षण अकादमी

कायदों के फेर में उलझी प्रदेश की पहली सशस्त्र बल प्रशिक्षण अकादमी

पलसाना (सीकर)। सीकर जिले में बनने वाली प्रदेश की पहली सशस्त्र बल प्रशिक्षण अकादमी (Armed Forces Training Academy) पिछले एक साल से कायदों के फेर में उलझी (Entangled in the rules) हुई है। साढ़े 31 करोड़ का बजट होने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। इस वजह से युवाओं की सेना में अफसर (Army officer) बनने की उम्मीद टूटती जा रही है।
पिछली भाजपा सरकार के समय जीणमाता के पास मोहनपुरा गांव में महाराव शेखाजी संस्थान को सैन्य एकेडमी के लिए जमीन आवंटन और बजट दिया गया था। इसके बाद प्रदेश में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद मामला थोड़ा उलझा, लेकिन बाद में कांग्रेस सरकार ने इस प्रोजेक्ट में थोड़ा बदलाव कर आगे बढ़ाने का निर्णय किया। कांग्रेस सरकार ने भाजपा राज के समय स्वीकृत साढ़े 21 करोड़ के बजट को बढ़ाकर साढ़े 31 करोड़ कर दिया था। दो मार्च 2019 को शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत व महाराव शेखाजी संस्थान के अध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह ने इसका शिलान्यास किया था। अब एक साल से ज्यादा का समय बीत गया, लेकिन अभी तक अकादमी का निर्माण कार्य शुरू नही हो सका है।

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साढ़े दस हैक्टेयर में बननी है एकेडमी

एकेडमी का निर्माण करीब साढ़े दस हैक्टेयर में होना है। इसके लिए सरकार की ओर से करीब चार हैक्टेयर जमीन को अवाप्त कर लिया गया है। छह हैक्टेयर जमीन अभी अवाप्त नहीं हो सकी है।

तैयार होंगे सैन्य अधिकारी
शेखावाटी में सैनिकों की संख्या काफी है। लेकिन यहां के युवा अधिकारी कम ही बन पाते हैं। इसी सोच के साथ यहां एकेडमी का सपना देखा गया था। ऐसे में एकेडमी के शुरू होने के बाद यहां प्रशिक्षण लेकर युवा सेना के अधिकारी भी बन सकेंगे।

मंत्रालय ने नकार दिया नक्शा
पिछले साल जिला प्रशासन व निर्माण एजेन्सी ने अपने हिसाब से नक्शा तैयार करवा लिया था। इसे मंत्रालय की ओर से मंजूरी नहीं मिली थी। इस वजह से निर्माण की राशि भी पूरी जारी नहीं हो सकी। अब नए सिरे से नक्शा तैयार करवाया गया है।

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नक्शा सहित कई अन्य तकनीकी खामियों की वजह से काम शुरू नहीं हो सका था। अब संशोधित नक्शा बन गया है। जल्द ही काम शुरू होगा। राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर है।

गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा राज्य मंत्री

इसी सप्ताह शिक्षा राज्य मंत्री से इस मामले में बात हुई है। कुछ तकनीकी परेशानियों के चलते कार्य शुरू नही हो सका था। अब जल्द ही कार्य शुरू करने की बात कही है।
राव राजेन्द्रसिंह शाहपुरा, स्थाई अध्यक्ष, महाराव शेखाजी संस्थान