
चुनावी साल में अतिक्रमण की बाढ़...परकोटे को बचाने वालों ने साधी चुप्पी
जयपुर. चुनावी साल में राजधानी में अतिक्रमण और अवैध निर्माणों की बाढ़ आ गई है। परकोटे में बिल्डिंग बायलॉज का ध्यान नहीं रखा जा रहा है और बाहरी इलाकों में भी नव विकसित कॉलोनियों में अवैध निर्माण की शिकायतें बढ़ गई हैं। अभी 100 से अधिक नए निर्माण परकोटे में चल रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि निगम के जिन अधिकारियों को परकोटा को बचाने की जिम्मेदारी दी गई, वे ही चुप बैठ गए।
गलियों में खड़ी हो रही बहुमंजिला इमारतें
-पत्रिका टीम ने परकोटे की गलियों और मुख्य बाजारों को दो दिन तक देखा। सामने आया कि गलियों में बहुमंजिला इमारतें खड़ी की जा रही हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही।
- महंत निवाई का रास्ता, कल्याण जी का रास्ता, संजय बाजार, हल्दियों का रास्ता, केजीबी का रास्ता, कांटियों की पीपली, मेहरों का रास्ता, पुरानी बस्ती, कंवर नगर और तेलीपाड़ा में अवैध निर्माण हो रहे हैं।
प्राचीन दीवार को भी नहीं छोड़ रहे
घोड़ा निकास परकोटे को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है। प्राचीन दीवार से सटाकर पिलर खड़े किए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने निगम में शिकायत की। लोगों का दावा है कि कुछ दिन काम बंद रहा और अब फिर चालू हो गया।
निगम की प्राथमिकता में नहीं परकोटा संवारना
-09 चौकडिय़ों में अवैध निर्माण रोकने के लिए महज सात जवान ही तैनात हैं। निगम में कांस्टेबल के 33 पद हैं, लेकिन 16 ही नियुक्त हैं।
-05 से 07 शिकायतें निगम के वाट्सऐप ग्रुप में भेजते हैं ये जवान, लेकिन राजनीतिक दबाव और प्रभाव के चलते इनमें से ज्यादातर पर कार्रवाई नहीं होती।
50 पर ही कार्रवाई
-सतर्कता और जोन कार्यालयों ने मिलकर हैरिटेज नगर निगम ने 150 से अधिक अवैध निर्माण चिह्नित किए थे, लेकिन इनमें से 50 पर ही कार्रवाई हुई।
-सर्वाधिक 107 मामले किशनपोल जोन में आए थे, लेकिन कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति हो रही है।
इनका कहना हैसतर्कता शाखा और जोन उपायुक्त अवैध निर्माण रोकने और कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार है। कुछ कार्रवाई की भी हैं। नियमित रूप से सतर्कता शाखा के जवान निगरानी करते हैं और उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई होती है।
-राजेंद्र सिंह शेखावत, आयुक्त, हैरिटेज नगर निगम
जेडीए: अवैध कॉलोनियों पर सख्ती
चुनावी वर्ष को देखते हुए शहर के बाहरी क्षेत्रों में भूमाफिया फिर से सक्रिय हो गए हैं और अवैध कॉलोनी विकसित करने में लग गए हैं। हालांकि, जेडीए नियमित रूप से कार्रवाई कर रहा है। लेकिन सीमित स्टाफ की वजह से दिक्कत भी आ रही है।
अभी जेडीए के 18 जोन की निगरानी के लिए नौ ही प्रवर्तन अधिकारी हैं।
मामले बढ़े हैं
अवैध रूप से कॉलोनियां विकसित करने और अवैध निर्माण के मामले बढ़े हैं। पहले सप्ताह भर में करीब पांच अवैध इमारतें और आठ से दस अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई होती थी। अब अवैध इमारतों की संख्या सात से आठ और कॉलोनियों की संख्या 15 तक पहुंच गई है।
-रघुवीर सैनी, मुख्य नियंत्रक, प्रवर्तन शाखा, जेडीए
Published on:
02 Jul 2023 01:23 am
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