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जयपुर

पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी का फिर गहलोत पर निशाना, ‘मार्ग दर्शक की भूमिका निभाएं गहलोत’

-विधायकों के समर्थन पर बोले चौधरी, विधायक किसी व्यक्ति के नहीं आलाकमान के साथ,सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया तो फिर लोकसभा चुनाव जैसा होगा हश्र

जयपुरSep 25, 2021 / 06:36 pm

firoz shaifi

rajendra choudhry

rajendra choudhry

जयपुर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से 1 सप्ताह में दो बार हुई सचिन पायलट की मुलाकात के बाद कांग्रेस के गलियारों में सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। वहीं इस मामले में जहां गहलोत समर्थक नेता चुप्पी साधे हुए हैं तो पायलट खेमे के नेता उत्साहित हैं। इसी बीच शनिवार को सचिन पायलट के कट्टर समर्थक और पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है।

राजेंद्र चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अब जगह खाली करके सचिन पायलट को कमान सौंपी चाहिए और और खुद को मार्ग दर्शक की भूमिका में आना चाहिए। चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तीन बार मुख्यमंत्री बन गए हैं। ऐसे में अब उन्हें युवाओं के लिए जगह छोड़नी चाहिए। युवाओं को नेतृत्व देने के लिए आलाकमान भी गंभीरता से विचार कर रहा है, यही वजह है कि पंजाब में पार्टी ने युवा चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया है।

जनता की मांग पायलट बने सीएम
पूर्व मंत्री ने कहा कि सचिन पायलट ने विपक्ष में रहते हुए जी-तोड़ मेहनत की थी और जनता ने उन्हें उनकी मेहनत का फल देते हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाई और पार्टी को 21 सीटों से 100 सीटों तक पहुंचाया। लेकिन चुनाव परिणाम के बाद आलाकमान के आशीर्वाद से अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बन गए।

लोकसभा चुनाव में जनता की नाराजगी आई सामने
पायलट कैंप के नेता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज जनता ने विधानसभा चुनाव के 6 माह बाद हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी को सभी 25 सीटों पर हरा दिया, जिसमें केवल 11 ही विधानसभा क्षेत्र ऐसे थे, जहां पर कांग्रेस को बढ़त मिली थी। वहीं मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में उनके पुत्र भी चुनाव बड़े अंतर से हार गए थे।

चौधरी ने कहा कि जिस जनता ने विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाई तो फिर ऐसा क्या हुआ कि 6 माह बाद ही पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया। इसकी वजह यही है कि जनता मुख्यमंत्री के तौर पर सचिन पायलट को देखना चाहती थी, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया। राजेंद्र चौधरी ने कहा कि अगर अब भी कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री की कमान नहीं सौंपी तो फिर आने वाले विधानसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव जैसा हश्र हो सकता है।

व्यक्ति के साथ नहीं आलाकमान के साथ हैं विधायक
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे की ओर से 100 से ज्यादा विधायकों के दावा करने के सवाल पर राजेंद्र चौधरी ने कहा कि विधायक कभी व्यक्ति विशेष के साथ नहीं होते हैं। विधायक आलाकमान के साथ होते हैं, पंजाब में सबने इसका उदाहरण देखा है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह भी यही कहते थे कि अधिकांश विधायक उनके साथ हैं, लेकिन जब उन्हें हटाने की बारी आई तो सभी विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर ही अपनी आस्था जताई। इसलिए कांग्रेस आलाकमान को भी विधायकों की बजाए जनमानस की भावनाओं को सुनना चाहिए।

ओएसडी का इस्तीफा नहीं हुआ स्वीकार
पूर्व मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने खुद को कांग्रेस आलाकमान से ऊपर समझते हुए आलाकमान के फैसले पर सवाल खड़े किए थे। जब दबाव बना तो मुख्यमंत्री ने उनसे इस्तीफा ले लिया लेकिन आज तक सीएम गहलोत ने अपने ओएसडी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि आखिर उन्होंने अपने ओएसडी का इस्तीफा स्वीकार क्यों नहीं किया।

वेट एंड वॉच की स्थिति में गहलोत कैंप
वहीं दूसरी ओर सचिन पायलट की दो बार राहुल गांधी से मुलाकात और पायलट कैंप की ओर से चल रही बयानबाजी को लेकर अशोक गहलोत खेमा चुप्पी साधे हुए हैं और फिलहाल वेट एंड वॉच की स्थिति में है। बताया जा रहा है कि गहलोत खेमे से जुड़े नेताओं को किसी भी प्रकार से कोई बयानबाजी नहीं के निर्देश दिए गए हैं।

 

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