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stocl limit: दाल का आयात करने वाले स्टॉक लिमिट से मुक्त

दालों की स्टॉक सीमा ( dal stock limit ) तय किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले को लेकर विरोध तेज होता देख सरकार ने अब दाल ( pulses ) के थोक कारोबारी, मिल और आयातक को राहत देने का ऐलान किया है। दाल का आयात करने वाले कारोबारियों को स्टॉक लिमिट ( stock limit ) के दायरे से मुक्त रखा गया है।

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दाल का आयात करने वाले स्टॉक लिमिट से मुक्त

दाल का आयात करने वाले स्टॉक लिमिट से मुक्त

दालों की स्टॉक सीमा तय किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले को लेकर विरोध तेज होता देख सरकार ने अब दाल के थोक कारोबारी, मिल और आयातक को राहत देने का ऐलान किया है। दाल का आयात करने वाले कारोबारियों को स्टॉक लिमिट के दायरे से मुक्त रखा गया है। भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल के चैयरमेन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि आदेश के कारण व्यापारी ने राहत महसूस की है। उसे अपना माल घाटे में नहीं बेचना पड़ेगा। मण्डी में किसान का माल क्रय किया जा सकेगा। मीलें 12 माह चलेगी। उपभोक्ता को वर्षभर उचित दामों में दाल उपलब्ध रहेगी। देश के 7000 मण्डियों के व्यापारी और उन पर निर्भर मुनीम, गुमास्ते, लेबर एवं 80 लाख लोग इस आदेश के कारण राहत महसूस करेंगे।
आपको बता दे कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट के जरिये यह जानकारी दी है। उन्होंने लिखा, 'दाल तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण के प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा इन पर लगाई गई स्टॉक लिमिट में थोक विक्रेताओं, मिलों तथा आयातकों को रियायत दी गई है। केंद्र सरकार द्वारा दालों की स्टॉक लिमिट तय करने के बाद कारोबारियों में इस बात को लेकर काफी गुस्सा था। उन्हें लग रहा था कि सरकार उन पर अनावश्यक दबाव बना रही है। केंद्र सरकार के साथ एक मैराथन मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया है।
अब अरहर दाल ने बढ़ाई परेशानी
महंगी होती अरहर (तुअर) दाल की कीमतें नियंत्रित करने के लिए सरकार नए सिरे से जुट गई है। इसी क्रम में दक्षिण पूर्वी अफ्रीकी देश से हर साल 50 हजार टन अरहर दाल आयात किया जाएगा। यह व्यवस्था अगले पांच साल के लिए हुई है। ऐसा हो जाने पर घरेलू बाजार में अरहर की दाल की कीमतें नियंत्रित होने का अनुमान है।
किसानों का होगा भला
केंद्र सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक अब दाल के थोक कारोबारियों के लिए स्टॉक लिमिट 500 मीट्रिक टन होगी। इसमें दाल की किसी एक वैरायटी की लिमिट 200 मीट्रिक टन रखी गई है। खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टॉक लिमिट 5 मेट्रिक टन होगी। दाल मिल के लिए स्टॉक लिमिट 6 महीने के प्रोडक्शन या सालाना कैपेसिटी का 50 फीसदी तक हो सकती है। केंद्र सरकार का यह फैसला खरीफ फसलों की बुआई से ठीक पहले किसानों को आश्वस्त करने के हिसाब से भी लिया गया है।