
31 मार्च तक किए गए भुगतान के लिए ब्याज और जुर्माना की पूरी छूट
जयपुर. प्रत्यक्ष कर विवादों को सुलझाने के लिए लोकसभा में एक विधेयक पेश किया था, जिसे डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास बिल 2020 कहा जाता है। प्रिंसिपल सीसीआईटी, इनकम टैक्स और मुख्य वक्ता नीना निगम ने इसी तरह डायरेक्ट टैक्स विवाद पर कुछ इसी तरह अपने विचार रखे। उन्होंने आगे कहा कि इस विधेयक के जरिए डायरेक्ट टैक्स में नए बदलाव देखने को मिल रहे हैं, साथ ही इसके जरिए आने वाले दिनों में भी इसका असर देखने को मिल सकता है। द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की ओर से 'विवाद से विश्वास बिल 2020Ó विषय पर हुए इस सेमिनार में जयपुर शाखा के चैयरमैन सीए अनिल कुमार यादव और सेन्ट्रल काउन्सिल मैम्बर-आई.सी.ए.आई. सीए प्रकाश शर्मा ने जानकारी दी कि 30 नवंबर 2019 तक विवाद के तहत करों की कुल राशि रुपये 9.32 लाख करोड़ थी।
ब्याज, जुर्माना और अभियोजन पर छूट
उन्होंने आगे बताया कि डायरेक्ट टैक्स विवाद से विष्वास बिल 2020 इन विवादों के निपटारे के लिए ब्याज जुर्माना और अभियोजन की छूट प्रदान करता है। यह 31 मार्च तक किए गए भुगतान के लिए ब्याज और जुर्माना की पूरी छूट प्रदान की गयी है। 1 अप्रेल से किए गए भुगतानों के लिए विवादित राशि का 10% अतिरिक्त भुगतान करना होगा। इस विधेयक में विभिन्न अपीलीय मंचों पर लंबित 4.83 लाख प्रत्यक्ष कर मामलों को निपटाने का प्रस्ताव है। भारत सरकार को उम्मीद है कि इस योजना के माध्यम से 90% आयकर विवादों को हल किया जाएगा। कार्यक्रम में सीए राजीव सोगानी ने और ब्रांच सेक्रेटरी सीए कुलदीप गुप्ता ने भी अपने विचार रखे।
Published on:
11 Mar 2020 11:27 pm
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