
Ganesh Chaturthi 2021 Vinayak Chaturthi 2021 Sankashti Chaturthi Dates
जयपुर. हर माह की कृष्ण पक्ष चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है जोकि गणेशजी को समर्पित है। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई के अनुसार मान्यता है कि इस दिन व्रत रखते हुए श्रद्धापूर्वक गणेशजी की आराधना से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। क्लेश मिटता है, सारे कष्ट दूर होते हैं और आसन्न संकटों से मुक्ति मिलती है।
संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन चंद्र दर्शन व पूजा का महत्व है। नए साल की पहली संकष्टी चतुर्थी 2 जनवरी को है। इस दिन उदया तिथि तृतीया है, बाद में चतुर्थी तिथि लग जाएगी। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर बताते हैं कि चूंकि रात को चतुर्थी तिथि 2 जनवरी को ही रहेगी इसलिए संकष्टी चतुर्थी आज ही मनाई जाना चाहिए।
सुबह स्नानादि से निवृत्त होने के बाद भगवान गणेश का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद गणेशजी की विधिवत पूजा करें। अक्षत, धूप आदि के साथ गणेशजी को दूर्वा जरूर अर्पित करें। गणेशजी के सरल मंत्र ओम गं ओम का कम से कम 108 बार जाप करें। इसके बाद व्रत कथा पढ़ें और भगवान गणेश की आरती करें।
रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत पारण करें। व्रत में दिन में फलाहार वगैरह ले सकते हैं। संभव हो तो गणेश चतुर्थी का व्रत निर्जल रहें। आसन्न संकट से मुक्ति पाने के लिए इस दिन संकट नाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें, इससे जरूर राहत मिलेगी। गणेश चतुर्थी व्रत के दिन गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ भी बहुत फलदायी होता है।
Published on:
02 Jan 2021 08:58 am
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