तकनीक का इस्तेमाल हर क्षेत्र में आज के समय में बढ़ता जा रहा है। इसी के चलते धार्मिक अनुष्ठानों में भी तकनीक का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। विशेष दिनों में भगवान का दर्शन क रने के लिए भक्तों को कई बार घंटों लाइन में लगना पड़ता है।
तकनीक का इस्तेमाल हर क्षेत्र में आज के समय में बढ़ता जा रहा है। इसी के चलते धार्मिक अनुष्ठानों में भी तकनीक का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। विशेष दिनों में भगवान का दर्शन क रने के लिए भक्तों को कई बार घंटों लाइन में लगना पड़ता है। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। दर्शन करने के लिए अब क्यूआर कोड जारी किया गया है जिसके चलते भक्त उसे स्कैन कर घर पर बैठे ही दर्शन के साथ-साथ लाइव आरती देख सकेंगे। गणेश चतुर्थी के अवसर पर एक विशेष क्यूआर कोड जारी किया गया है।
इसे स्कैन कर श्रद्धालु घर बैठे ही प्रथम पूज्य गणेश जी के दर्शन कर सकेंगे। गणेश मंदिर के महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि पहली बार तकनीक का विशेष इस्तेमाल किया गया है। भक्त भगवान गणेश की तस्वीर को मोबाइल से स्कैन कर झांकियों के अनुसार दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए मंदिर के बाहर 200 से अधिक स्कैनर लगाए गए हैं। भगवान की पोशाक भी तैयार हो चुकी है।
विशेष तौर पर गणेश चतुर्थी को भगवान पांच बार पोशाक बदलेंगे। इसमें आरी तारी से लेकर, गोटा पत्ती की तारे—सितारे युक्त विशेष पोशाक आकर्षण का केंद्र है। साथ ही, नि:शक्तजनों के लिए अलग से रिक्शे लगाए गए हैं ताकि उन्हें दर्शन करने में कोई दिक्कत नहीं आए।