
Ganga Dussehra 2023: इस बार गंगा दशहरा पर बन रहे ये 7 संयोग, तीर्थ स्नान लाएंगे सुख—समृद्धि
जयपुर। ज्येष्ठ शुक्ल दशमी पर 30 मई को गंगा दशहरा मनाया जाएगा। इस बार गंगादशमी पर गंगा अवतरण के सभी 10 योगों में से 7 योग ही गंगा दशहरा मनाया जाएगा। इस दिन रवियोग, सौम्ययोग व कुमारयोग का विशेष संयोग रहेगा, जो सम्पूर्ण दिन-रात रहेंगे। इस दिन गंगा स्नान के साथ दान—पुण्य का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन गलता तीर्थ में गोमुख पूजन और महाआरती होगी।
दशमी तिथि आज सुबह 11:49 बजे शुरू हो जाएगी, जो 30 मई को दोपहर 1:07 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार गंगा दशहरा पर्व 30 मई को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस दिन 10 योगों में गंगा का अवतरण हुआ था। इन 10 योगों में ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, बुधवार, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गरकरण, आनंदयोग (बुध और हस्त), कन्या का चन्द्र, वृष का सूर्य योग होने चाहिए, लेकिन इस बार बुधवार, व्यतिपात योग और आनंद योग नहीं आ रहे है, ऐसे में 7 योगों में ही गंगा दशहरा मनाया जाएगा।
ये रहेंगे विशेष संयोग
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि गंगा दशहरा के दिन अत्यंत लाभकारी संयोग बन रहे है। इस दिन हस्त नक्षत्र, रवि योग और सिद्धि योग रहेगा। हस्त नक्षत्र पूरी रात्रि तक रहेगा, वहीं रवि योग पूरे दिन रहेगा। गंगा दशहरा के दिन ज्येष्ठ मास का दूसरा बड़ा मंगल भी है। ऐसे में इस शुभ अवसर पर मां गंगा और हनुमानजी की उपासना करना लाभदायक होगा। इस दिन पूजा—अर्चना और गंगा व गलता स्नान करने सुख—समृद्धि दायक होगा।
गलता तीर्थ में होगा गोमुख पूजन— महाआरती
गंगा दशमी पर 30 मई को उत्तर भारत की प्रमुख पीठ गलताजी में गोमुख पूजन और महाआरती का आयोजन होगा। पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य के सान्निध्य में अलसुबह गोमुख पूजन किया जाएगा। वहीं शाम 6.30 बजे सूर्य कुंड पर गालव गंगा की सामूहिक महाआरती होगी। इस दौरान बैंड वादन होगा। इसके बाद भजन संध्या होगी। इससे पहले सुंदरकांड के पाठ होंगे।
दस वस्तुओं के दान का महत्व
ज्योतिषाचार्य शालिनी सालेचा ने बताया कि गंगा दशहरे पर दस वस्तुओं के दान का महत्व होता है। श्रद्धालु दस वस्तुओं क पूजन कर उनका दान करें। ऐसा करने से शुभ फलदायक होगा। धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ। इस दिन मां गंगा के साथ देवी नारायण, शिव, ब्रह्मा, सूर्य, राजा भगीरथ और हिमालय पर्वत का भी पूजन करने की परंपरा है।
तीनों प्रकार के पापों का होगा नाश
ज्योतिषाचार्य डॉ. विनोद शास्त्री ने बताया कि गंगा दशमी पर गंगा पूजन करने और पितृ तर्पण करने से पितृ खुश होते हैं, जिससे मनोवांछित फल प्राप्त होता है। गंगा दशहरे के दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति के दस प्रकार के पापों का नाश होता है। इन दस पापों में तीन पाप कायिक, चार पाप वाचिक और तीन पाप मानसिक होते हैं।
गंगा अवतरण पर बने संयोग
1. ज्येष्ठ मास - यह योग उपलब्ध है
2. शुक्ल पक्ष - यह योग उपलब्ध है
3. दशमी तिथि - यह योग दोपहर 01ः09 तक उपलब्ध है
4. बुधवार - यह योग उपलब्ध नहीं है
5. हस्त नक्षत्र - यह योग उपलब्ध है
6. व्यतिपात योग - यह योग रात्रि 08ः54 के बाद उपलब्ध है, अतः यह भी दिन में उपलब्ध नहीं है
7. गर करण - यह योग दोपहर 01ः09 तक उपलब्ध है
8. बुध व हस्त का योग - यह योग उपलब्ध नहीं है
9. कन्या का चन्द्रमा - यह योग उपलब्ध है
10. वृषराशि का सूर्य - यह योग उपलब्ध है
Published on:
29 May 2023 07:09 pm
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