
पहले से साफ हुआ गंगा-यमुना का जल
कोरोना वायरस के खतरे की वजह से देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है। ऐसे में लोग अपने घरों में बंद हैं। जरूरी सेवाओं को छोड़कर फैक्ट्री, स्कूल, कॉलेज, दफ्तर, परिवहन के साधन बंद हैं। इस कारण देश में प्रदूषण के स्तर में लगातार कमी आ रही है, चाहे वह वायु हो या फिर जल प्रदूषण। लॉकडाउन का पर्यावरण पर सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है। हवा स्वच्छ हो रही है। नदियों में भी पहले की तुलना में साफ पानी बह रहा है। खासकर गंगा व यमुना का जल निर्मल नजर आने लगा है। जिन नदियों की सफाई के लिए सरकारें सैकड़ों करोड़ खर्च कर रही थीं, अब लॉकडाउन से स्वच्छ होती दिखाई दे रही हैं। हिंडन, गोमती नदी में भी इसी तरह के संकेत देखने को मिल रहे हैं।
पर्यावरणविदों के अनुसार, आबोहवा बदलने के साथ ही औद्योगिक इकाइयों का अपशिष्ट नहीं गिरने से नदियों के प्रदूषण में कमी आई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार यातायात संबंधी प्रतिबंधों व औद्योगिक इकाइयों में कामकाज बंद किए जाने से देश में प्रदूषण के स्तर में खासी कमी आई है।
गंगा की स्थिति में 40-50 फीसदी सुधार
सी पीसीबी के अनुसार, गंगा जल ज्यादातर मॉनिटरिंग सेंटरों में नहाने के लिए उपयुक्त पाया गया है। आइआइटी-बीएचयू के केमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर पीके मिश्रा का कहना है, 'गंगा में होने वाले कुल प्रदूषण में उद्योगों की हिस्सेदारी 10 फीसदी होती है। गंगा की स्थिति में 40-50 फीसदी सुधार दिख रहा है। यही नहीं, 15-16 मार्च को हुई बारिश की वजह से गंगा नदी का जलस्तर भी बढ़ा है, इससे इसकी सफाई की क्षमता भी बढ़ी है। अगर लॉकडाउन से पहले से अब की स्थिति की तुलना करें तो अच्छा सुधार दिख रहा है। वाराणसी, कानपुर, इलाहाबाद, हरिद्वार जैसे शहरों में गंगा को पहले की तुलना में काफी साफ देखा जा रहा है।
यमुना की भी बदल रही तस्वीर
य मुना नदी में भी अब स्वच्छता देखने को मिल रही है। एनजीटी द्वारा नियुक्त यमुना मॉनिटिरिंग कमेटी(वायएमसी) की गत वर्ष की एक रिपोर्ट के अनुसार, यमुना नदी कुल 1370 किमी (यमुनोत्री से इलाहाबाद) तक बहती है। इसमें से 54 किमी हिस्सा दिल्ली में पल्ला से बदरपुर तक है। इसमें वजीराबाद से ओखला तक 22 किमी हिस्सा है, जो नदी की कुल लंबाई के दो फीसदी से भी कम है, पर यमुना के कुल प्रदूषण का 76 प्रतिशत इसी हिस्से से होता है। वायएमसी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति से यमुना के पानी की गुणवत्ता पर लॉकडाउन के प्रभाव का पता लगाने और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है।
Published on:
06 Apr 2020 12:46 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
