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Jaipur : चरा पात्र का पैंदा गायब और बस शेल्टर से कुर्सी, बंद एस्केलेटर से हांफ रहे लोग

जनता की सुविधाओं के नाम पर किस तरह घोटाला चल रहा है, इसकी बानगी सामने आई है। मामला टोंक रोड (Tonk Road) (अजमेर गेटी से सांगानेर फ्लाईओवर तक) का ही है। इस 14 किलोमीटर लम्बे रूट पर लोगों के लिए चौबीस घंटे एस्केलेटर युक्त फुटओवरब्रिज, साफ शौचालय, बस शेल्टर, कचरा पात्र, बैठने के लिए चेयर, टेलीफोन बूथ की सुविधा मिलनी थी, लेकिन ज्यादार सुविधाएं गायब हैं या फिर क्षतिग्रस्त है। सफाई तक ढंग से नहीं हो पा रही है।

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जयपुर। जनता की सुविधाओं के नाम पर किस तरह घोटाला चल रहा है, इसकी बानगी सामने आई है। मामला टोंक रोड (Tonk Road) (अजमेर गेटी से सांगानेर फ्लाईओवर तक) का ही है। इस 14 किलोमीटर लम्बे रूट पर लोगों के लिए चौबीस घंटे एस्केलेटर युक्त फुटओवरब्रिज, साफ शौचालय, बस शेल्टर, कचरा पात्र, बैठने के लिए चेयर, टेलीफोन बूथ की सुविधा मिलनी थी, लेकिन ज्यादार सुविधाएं गायब हैं या फिर क्षतिग्रस्त है। सफाई तक ढंग से नहीं हो पा रही है। नगर निगम प्रशासन (Nagar Nigam Jaipur) और एन.एस. पब्लिसिटी संचालक की मिलीभगत से यह हालात पनपे हैं।

पत्रिका ने मौके का जायजा लिया तो ज्यादातर जगह हालात बदतर मिले। कई बस शेल्टर पर कुर्सियों की जगह केवल लोहे का एंगल मिले तो कई जगह टूटी कुर्सियां यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बनी रही। कचरा पात्र में नीचे का हिस्सा ही नहीं था, जिससे राहगीरों को न चाहते हुए कचरा सड़क पर डालना पड़ रहा है। जगह-जगह गंदगी तो शौचालयों में सफाई के नाम पर खानापूर्ति मिली। जबकि, इन व्यवस्था के बदले कंपनी इस रूट पर सभी ओवरहैड गेन्ट्री, बस शेल्टर्स, सामुदायिक शौचालय पर विज्ञापन के जरिए चांदी कूट रही है।

जनता का अधिकार, पर बदतर हालात…
1. एसएमएस अस्पताल (SMS Hospital)- यहां मुख्य गेट के बाहर ही सड़क पर कचरे पड़ा हुआ मिला। स्वीपिंग करने के बाद कचरा यहीं एकत्रित कर दिया जाता है। यहीं मूत्रालय होने से कचरा सड़ता रहा है।

2. नारायण सिंह सर्किल (Narayan Singh Circle)- फुटओवरब्रिज का एक हिस्सा बंद है। लोगों को मजबूरन चढ़कर जाना पड़ रहा है। सबसे बड़ी पीड़ा बुजुर्ग व असहाय उठा रहे हैं।

3. रिजर्व बैंक के पास- यहां कचरा पात्र तो है, लेकिन पैंदा ही गायब है। तीन तरफ से कवरिंग हिस्सा भी नहीं है। लोग मजबूरन सड़क पर ही कचरा फेंक रहे।

4. एसएमएस स्टेडियम (SMS Stadium) के सामने- बैठने की चेयर थी, जो अब गायब है। शारीरिक रूप से असहाय राहगीरों की मुसीबत।

5. टोंक फाटक- यहां भी फुटओवरब्रिज का एक तरफ का हिस्से में एस्केलेटर नहीं चल रहा। जो संचालित था, उस पर गंदगी व धूल जमी।

6. ग्लास फैक्ट्री के पास- बस शेल्टर बदहाल हालत में है। बैठने की सीट ही गायब है है।यात्री बदहाल बस शेल्टर के नीचे खड़े रहे।

7. दुर्गापुरा- एलीवेटेड रोड पर तो सफाई लेकिन इसके नीचे हिस्से में स्वीपिंग नहीं।

8. बी-2 बायपास (B-2 Bypass)- यहां सड़क के कॉर्नर पर बनाए गए शौचालय खराब हालत मे है।

विज्ञापन की प्राइम लोकेशन…
इस रूट पर सफाई व सौन्दर्यन के लिए कंपनी से वर्ष 2006 में करार हुआ था। इसके बदले कंपनी को विज्ञापन साइट्स दी गई, जो प्राइम लोकेशन पर है। अनुबंध पूरा हो चुका, लेकिन कंपनी अब भी विज्ञापन के जरिए चांदी कूट रही है।