
बच्चों में एलर्जी के कारण गैस्ट्रो से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं, जिसके कारण उन्हें खाना निंगलने में तकलीफ, भोजन नली में सिकुड़न जैसी समस्या देखने को मिल रही है। यह गंभीर रूप ले लेता है तो इसका इलाज स्टेरॉइड से किया जाता है। आरयूएचएस, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, यूनाइटेड एकेडमी ऑफ पल्मोनरी मेडिसिन, इंडिया सहित एक निजी अस्पताल की ओर से आयोजित नेशनल कॉन्फ्रेंस इकाइकॉन-2023 में विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी।
आयोजन सचिव डॉ. एम.के.गुप्ता ने बताया कि तीसरे दिन डॉ.आर.के मोदी मेमोरियल ओरेशन हुआ, जिसमें डॉ. डी.बेहरा और डॉ. ए.बी सिंह चेयरपर्सन रहे। डॉ. अशोक शाह ने इंटिमेट फिजिकल कॉन्टैक्ट, अस्थमा एंड हाइपरसेंसेटिविटी विषय पर अपनी रिसर्च प्रस्तुत की। आयोजन समिति के प्रेसिडेंट डॉ. विनोद जोशी और चेयरमैन डॉ. महेंद्र कुमार बैराना ने बताया कि तीसरे दिन यूसीबी इकाइ अवार्ड और वी राजू अवार्ड सत्र भी आयोजित हुए और कांफ्रेंस में आए प्रतिनिधियों ने ई-पोस्टर प्रस्तुत किए।
पुरुषों में ज्यादा देखने को मिल रही यह एलर्जी
गुरुग्राम की डॉ.शिवानी देसवाल ने बताया कि पुरुष बच्चों में एलर्जी के कारण इयोसोफोनोलिक गैस्ट्रो इंटरस्टाइनल बीमारी ज्यादा देखने को मिल रही है। इसमें उनकी भोजन नली में सूजन, छाले होने के कारण उन्हें खाना निगलने में दिक्कत होती है। धीरे-धीरे नली सिकुड़ने लगती है, जिसे एंडोस्कोपी से खोला जाता है। इसका इलाज डाइट में बदलाव और स्टेरॉइड स्लरी तकनीक से किया जाता है। इस तकनीक में इन्हेलर से भोजन नली की आंतरिक दीवार पर कोटिंग कर दी जाती है। जिससे किसी भी तरह के एलर्जी बढ़ाने वाले तत्व का सीधा संपर्क रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि पांच प्रतिशत बच्चों को यह समस्या होती है।
Published on:
06 Jan 2024 04:46 pm
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