6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Good News : राजस्थान में ग्रीन हाइड्रोजन नीति को Gehlot Cabinet से मिली मंजूरी

Good News : खुशखबर। राजस्थान में ग्रीन हाइड्रोजन नीति को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है।

2 min read
Google source verification
ashok_gehlot1.jpg

CM Ashok Gehlot

राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में नई ग्रीन हाइड्रोजन नीति को मंजूरी दी गई। इस नीति के प्रावधानों के अनुसार ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट की स्वीकृति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय सक्षम समिति जारी करेगी। ग्रीन हाइड्रोजन नीति का प्रमुख उद्देश्य वर्ष 2030 तक राज्य में 2000 केटीपीए ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन है। इसके अलावा इस नीति का उदेश्य है कि रिफाइनरी एवं फर्टिलाइजर प्लांटों की मांग की पूर्ति के लिए न्यूनतम एक ग्रीन हाइड्रोजन वैली की स्थापना की जाए। कम से कम एक गीगावॉट इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना के साथ ही भारत से ग्रीन हाइड्रोजन के निर्यात का न्यूनतम 20 फीसदी राजस्थान से आपूर्ति हो तथा राज्य में उत्पादित नेचुरल गैस में 10 फीसदी तक ग्रीन हाइड्रोजन की ब्लेंडिंग है।



प्रोजेक्ट के लिए भूमि आवंटन

नई ग्रीन हाइड्रोजन नीति के अनुसार ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए अक्षय ऊर्जा प्लांट स्थापना के लिए भूमि का आवंटन भू राजस्व नियम 2007 के अनुसार किया जाएगा। हाइड्रोजन प्लांट के लिए भूमि औद्योगिक क्षेत्र में रीको द्वारा आवंटित की जाएगी। इसके अलावा निजी भूमि पर भी प्लांट स्थापित किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें - Good News : राजस्थान विश्वविद्यालय को पहली स्थाई महिला कुलपति प्रो अल्पना कटेजा मिली, राज्यपाल ने दी मंजूरी

ग्रीन हाइड्रोजन नीति में यह मिलेंगे प्रोत्साहन

ग्रीन हाइड्रोजन नीति में राजस्थान इन्वेस्टमेंट एवं प्रमोशन स्कीम के अनुसार लाभ देय होंगे। जल की उपलब्धता एवं अक्षय ऊर्जा उत्पादन का एक तिहाई बैंकिंग सुविधा भी मिलेगी। ग्रीन हाइड्रोजन के लिए अक्षय ऊर्जा प्लांट की क्षमता को कॉन्ट्रैक्ट डिमांड से 2.5 गुना तक अनुमत किया जाएगा। प्लांट स्थापना पर प्रसारण एवं वितरण शुल्क में 10 वर्ष तक 50 फीसदी की छूट मिलेगी। तीसरे पक्ष से अक्षय ऊर्जा क्रय करने पर अतिरिक्त एवं क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज में 10 वर्षों तक छूट मिलेगी। ब्रायन वाटर या ट्रीटेड वॉटर से ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन पर राजकीय भूमि आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी। ग्रीन हाइड्रोजन उपकरण निर्माण की यूनिट के लिए राजस्थान इन्वेस्टमेंट एवं प्रमोशन स्कीम के अनुसार देय लाभ मिलेगा।

अनुसंधान केंद्र की स्थापना के लिए मिलेगा अनुदान

अनुसंधान केंद्र की स्थापना के लिए लागत का 30 फीसदी अनुदान (अधिकतम 5 करोड रुपए तक) मिलेगा। आरवीएनएल के नेटवर्क पर स्थापित होने वाले प्रथम 500 केटीपीए तक अक्षय ऊर्जा संयंत्र को विशेष प्रोत्साहन मिलेगा (प्रत्येक प्लांट की अधिकतम 50 विभाग मेगावाट क्षमता तक)।

यह भी पढ़ें - Good News : खुशखबर, राजस्थान के इस गांव को मिला देश में श्रेष्ठ पर्यटन गांव का पुरस्कार