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13 अप्रेल से बंद हो जाएगी गूगल की ये सर्विस, लोगों में बढऩे लगी चिंता

जिन यूजर्स ने बिना लॉगइन के इस सर्विस को यूज किया है, वो अब 13 अप्रेल बाद इस सर्विस को यूज नहीं कर पाएंगे...

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जयपुर

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Dinesh Saini

Apr 09, 2018

Google

जयपुर। 13 अप्रेल से गूगल अपनी एक बहुत ही महत्वपूर्ण सर्विस बंद करने जा रहा है। वेबसाइट लिंक के लंबे चौड़े यूआरएल को छोटा करने वाली ‘यूआरएल शोर्टनर सर्विस‘ अब दुनिया भर में बंद हो जाएगी। लेकिन कुछ यूर्जस ऐसे भी हैं जो इस सर्विस का फायदा अभी एक साल तक उठा पाएंगें।

ये यूर्जस उठा सकते हैं एक साल और फायदा
अपने ऑफीशियल ब्लॉग पर गूगल ने बताया है कि 2009 में शुरू की गई वेब ‘यूआरएल शोर्टनर सर्विस‘ को अब बंद किया जा रहा है। जो यूजर्स गूगल लॉगइन करके इस सर्विस को पहले से यूज करते चले आ रहे हैं, सिर्फ उनके लिए कंपनी ने यह सर्विस 30 मार्च 2019 तक के लिए एक्सटेंड कर दी है। जिन यूजर्स ने बिना लॉगइन के इस सर्विस को यूज किया है, वो अब 13 अप्रेल बाद इस सर्विस को यूज नहीं कर पाएंगे। साथ ही कंपनी ने कहा है कि अब से पहले या 30 मार्च 2019 तक शॉर्ट किए गए यूआरएल हमेशा ठीक से काम करते रहेंगे, लेकिन ‘गो जीएल ‘के पैनल पर यूजर्स उन्हें एक्सेस नहीं कर पाएंगे। कंपनी अपनी पुरानी सर्विस को खत्म करके ‘फायरबेस डायनेमिक लिंक्स‘ नाम की सर्विस को प्रमोट कर रही है, जिसे बिना लॉगइन के इस्तेमाल करना संभव नहीं हो पाएगा।

लेकिन इससे आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि ये 3 सर्विसेज आपका काम बनाएगी आसान...

पहला तरीका
यूआरएल शॉर्ट करने के लिए गूगल के शॉर्टनर के बाद सबसे पॉपुलर प्लेटफॉर्म है बिटली। यहां पर आप लॉगइन करके या बिना लॉगइन के भी अपनी वेबसाइट लिंक्स को शॉर्ट कर सकते हैं। साथ ही गूगल की ही तरह बिटली पर भी आप अपने शॉर्ट यूआरएल को हमेशा ट्रैक कर पता लगा सकते है कि उस पर कितनी बार क्लिक किया गया। यूआरएल पर कितना ट्रैफिक आया ये भी आप आसानी से जान सकते हैं। आप इस प्लेटफॉर्म पर अपने शॉर्ट यूआरएल की स्पेलिंग को भी बदल सकते हैं। बिटली पर दिए गए किसी भी यूआरएल को टैग्स के आधार पर अलग-अलग कैटेगरी में रखा जा सकता है।

दूसरा तरीका
सोशल मीडिया फ्रेंडली यूआरएल बनाने और उन्हें ट्रैक करने के मामले में हूटसुइटे प्लेटफ़ॉर्म भी कम गूगल से कम नहीं है। ये हर तरह के वेब और मोबाइल ऐप बेस्ड यूआरएल को शॉर्ट करने के लिए काफी बेहतरीन प्लेटफॉर्म है।

तीसरा तरीका
यूआरएल सर्विस के तौर पर गूगल द्वारा चलाई जा रही यह सर्विस डेवलपर्स के लिए खास है। इसका यूज करके मोबाइल डेवलपर्स कंपनियां और मीडिया हाउसेस अपनी ऐप्स के अंदर भी शॉर्ट यूआरएल इंसर्ट करा सकते हैं। फायरबेस मैनुयल नहीं बल्कि ऑटो मोड में यूआरएल को शॉर्ट कर सकता है। साथ ही फायरबेस अपने द्वारा जारी किए गए यूआरएल को रियलटाइम में ट्रैक करता रहता है।


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