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राजस्थान में कर्मचारी सरकार से खफा-23 को 1 लाख कर्मचारियों का सरकार के खिलाफ जयपुर में हल्ला बोल

रामनवास बाग से सिविल लाइंस फाटक तक निकालेंगे महाआक्रोश रैली 4 वर्ष में भी 7 सूत्री मांगों का समाधान नहीं होने से कर्मचारी खफा25 से ज्यादा कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी आए एक मंच पर

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जयपुर।
राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी संयुक्त महासंघ की ओर से अपनी 9 सूत्री लंबित मांगों को लेकर रविवार को जयपुर में वैशाली नगर स्थित खंडेलवाल ऑडिटोरियम में संघर्ष चेतना महाअधिवेशन का आयोजन हुआ। जिसमें 82 संगठनों के 1100 से ज्यादा पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। इस महाधिवेशन में महासंघ के पदाधिकारियों और 25 संघटनों के पदाधिकारियों ने एक मंच पर आकर सरकार के खिलाफ हल्लाबोल आंदोलन का ऐलान करते हुए आगामी 23 जनवरी को जयपुर में रामनिवास बाग से सिविल लाइंस फाटक तक महा आक्रोश रैली निकालने की घोषणा की।
महासंघ की संघर्ष समिति के संयोजग महावीर प्रसाद शर्मा व सचिव अर्जुन शर्मा ने बताया कि मौजूदा सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर हुए लिखित समझौते से मुकर गई । सरकार के द्वारा बडे-बडे विज्ञापनों के माध्यम से यह भ्रम फैलाया जा रहा रहा है कि कर्मचारियों की कोई मांग शेष नहीं रही है। जबकि सरकार के कार्यकाल के चार वर्ष में एक भी मांग पूरी नहीं की ।
राज्य सरकार द्वारा घोषित राजस्थान संविदा नियम 2022 विरोधाभाषी कानून हैं। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष आयुदान सिंह कविया और प्रदेश महामंत्री तेजसिंह राठौड़ ने बताया कि इस महाआक्रोश रैली में पूरे प्रदेश के कर्मचारी भाग लेंगे। अधिवेशन को राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के प्यारे लाल चौधरी,राजस्थान शिक्षक संघ के बन्नाराम चौधरी,पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ के अजय सैनी समेत अन्य कर्मचारी नेताओं ने कर्मचारियों को संबोधित किया। राज्य सरकार नए वर्ष के पहले महीने में ही बजट ला सकती है। ऐसे में कर्मचारी धरने प्रदर्शन और आंदोलनों के जरिए मांगें पूरी कराने के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।