सिंह ने कहा कि अभियान का उद्देश्य अस्पतालों का सिर्फ निरीक्षण करना नहीं है, बल्कि वहां मिलने वाली सुविधाओं में सुधार कर आमजन को अधिक से अधिक राहत पहुंचाना है। उन्होंने अस्पतालों में साफ-सफाई के लिए क्यूआर कोड सिस्टम को प्राथमिकता के साथ शुरू करने, बायोमैट्रिक उपस्थिति सुनिश्चित करने, सीसीटीवी कैमरे लगाने, सैनेटरी नेपकिन के सुरक्षित डिस्पोजल संबंधी जागरूकता के लिए अस्पताल में ऑडियो, वीडियो, पैम्पलेट और अन्य आईईसी सामग्री का उपयोग किए जाने पर भी जोर दिया। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि अस्पतालों में बुनियादी आवश्यकताओं के लिए मेडिकल रीलिफ सोसायटी कोष का सदुपयोग करने के साथ ही भामाशाहों, स्वयंसेवी संस्थानों से भी सहयोग लिया जा सकता है। बैठक में बताया गया कि प्रदेश के करीब 51 प्रतिशत सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण किया जा चुका है।