Rajasthan Teacher Transfer: राजस्थान सरकार ने तबादलों पर से प्रतिबंध हटाने का अभी तक कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया है, लेकिन शिक्षा विभाग ने तबादलों की तैयारियां शुरू कर दी है। तृतीय श्रेणी शिक्षकों (3rd Grade Teacher Transfer) के अलावा विभाग ने अन्य सभी ग्रेड के शिक्षकों के तबादलों की सूची बनाने के लिए भाजपा विधायकों से नाम मांगे हैं। विधायकों को एक फॉर्मेट ई-मेल (Transfer Format) किया गया है और कहा गया है कि इसी फॉर्मेट में नाम भर कर दें।
विधायकों से 70-70 नाम मांगे गए हैं। इनमें प्राचार्य, उप प्राचार्य, प्रथम और द्वितीय श्रेणी के शिक्षक, मंत्रालयिक सहित कर्मचारियों (Govt Employees Transfer) के नाम मांगे गए हैं। यह कहा गया है कि फॉर्मेट को भरकर शिक्षा मंत्री के ई-मेल पर भेजें। गंभीर रोग से पीड़ित, कैंसर रोगी, किडनी, हृदय रोगी, नेत्रहीन और एक साल में और उससे कम समय में सेवानिवृत्त होने वालों के नाम स्थानान्तरण के लिए नहीं देने के निर्देश दिए गए हैं। यदि किसी को शिकायत पर हटाना है तो उस शिकायत का स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा।
करौली जिले के सपोटरा विधायक हंसराज बालौती (MLA Hansraj Baloti) ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर तृतीय श्रेणी के शिक्षकों के अलावा सभी ग्रेड के शिक्षकों के तबादले के आवेदन मांगे है। उन्होंने पोस्ट कर लिखा कि 'राजस्थान शिक्षा विभाग के प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, व्याख्याता, द्वितीय श्रेणी शिक्षक, कनिष्ठ लिपिक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी यदि विधानसभा क्षेत्र सपोटरा में स्थानांतरण के इच्छुक हैं, तो वे 13 जून 2025, गुरुवार तक अपने प्रार्थना पत्र निर्धारित प्रारूप में बालौती विधायक कार्यालय में जमा करा सकते हैं। थर्ड ग्रेड शिक्षकों के प्रार्थना पत्र स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। केवल विधानसभा क्षेत्र सपोटरा में स्थानांतरण चाहने वाले कार्मिक ही आवेदन करें'।
जिन कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद दो साल की सेवा अवधि पूरी नहीं हुई है, ऐसे कार्मिक, संविदाकर्मी, प्रबोधकों के नाम स्थानान्तरण के लिए नहीं देने को कहा गया है। सरकार बनने के बाद से ही भाजपा विधायक और विचार परिवार के पदाधिकारियों का सरकार पर स्थानान्तरण से प्रतिबंध हटाने का दबाव है। मुख्यमंत्री तक भी यह बात पहुंचाई जा चुकी है। हालांकि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने प्रोफार्मा को फर्जी बताया है।
भाजपा सरकार बनने के बाद तबादलों पर से जितनी भी बार प्रतिबंध हटा, वह चंद दिनों के लिए ही हटा। शिक्षा विभाग में लाखों की संख्या में कर्मचारी हैं। ऐसे में दस दिन में तबादले का काम पूरा करना संभव नहीं है। इसलिए विभाग हर बार पहले ही विधायकों से तबादलों की सूची मांग लेता है, लेकिन जब भी तबादलों पर से प्रतिबंध हटता है। शिक्षा विभाग का नाम उस सूची में नहीं होता। शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी शिक्षकों सहित करीब 4 लाख कर्मचारी हैं। इनमें से करीब एक लाख पद रिक्त है। विधायकों की डिजायर के हिसाब से देखा जाए तो भाजपा विधायकों की ओर से 8 हजार से ज्यादा तबादलों की सिफारिश की जा सकती है।
Updated on:
13 Jun 2025 01:39 pm
Published on:
13 Jun 2025 09:18 am