
जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने एडवोकेट वेलफेयर अमेंडमेंट बिल में संशोधन के लिए सम्बन्धित बिल को सरकार के पास वापस भेज दिया है। अब राज्य सरकार इसे नए संशोधन के विधानसभा में पेश करेगी। माना जा रहा हैं कि इस बिल को मौजूदा सत्र में भी पेश किया जा सकता है। इसके लिए विधि और संसदीय कार्य विभाग तैयारी कर रहा है।
वकीलों की मांग को देखते हुए फैसला— राज्यपाल कलराज मिश्र ने बिल को लौटाते हुए राजस्थान बार काउंसिल और वकीलों के संगठन के विरोध का हवाला दिया है। राज्यपाल मिश्र ने इस बिल में वकील संगठनों से मिले ज्ञापनों और उनकी मांग के आधार पर राज्य सरकार को इसके प्रावधानों में बदलाव करने का सुझाव दिया है। विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने राज्यपाल के बिल वापस लौटाने की सूचना विधानसभा में दी गई। स्पीकर सीपी जोशी ने बिल वापस लौटाने के साथ राज्यपाल का मैसेज भी पढ़कर सुनाया, जिसमें राज्यपाल ने क्या बदलावों का सुझाव दिया है।
पिछले साल पारित हुआ था विधानसभा में बिल
बता दें कि विधानसभा में एडवोकेट वेलफेयर फंड अमेंडमेंट बिल पिछले साल पारित हुआ था। 24 मार्च 2020 को मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा गया। इस बिल में एडवोकेट वेलफेयर फंड में वकीलों से लिए जाने वाले पैसे को बढ़ाया गया था। लाइफटाइम मेंबरशिप को 17500 से बढ़ाकर 1 लाख किया गया था। वकालतनामे पर लगने वाली टिकट का पैसा बढ़ाकर जिला कोर्ट में 100 रुपए और हाईकोर्ट के लिए 200 रुपए करने का प्रावधान किया गया था। लाइफटाइम मेंबरशिप और वकालतनामे की टिकट का पैसा बढ़ाने पर वकील विरोध कर रहे थे। वकीलों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर इन दोनों प्रावधानों को वापस लेने की मांग की थी।
Updated on:
10 Sept 2021 09:59 am
Published on:
10 Sept 2021 09:56 am
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