जयपुर। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर आज शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में ठाकुरजी का ज्येष्ठाभिषेक किया गया। राजभोग झांकी के बाद ठाकुरजी ने नौका में विराजमान होकर जलयात्रा की। इस दौरान गोविंदेदवजी रियासतकालीन चांदी के फव्वारे के बीच जलविहार करते नजर आए। इस दौरान मंदिर में दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। मंदिर परिसर राधे—राधे के जयकारों से गूंज उठा।
मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुर श्रीजी को सफेद धोती दुपट्टा पोशाक धारण कराई गई। राजभोग झांकी के बाद ठाकुर श्रीजी का फूलों का मुकुट व अलंकार श्रृंगार धारण कराया गया। इसके बाद जलयात्रा की झांकी के दर्शन हुए। इस दौरान ठाकुर श्रीजी को पांच तरह के ऋतु फलों का भोग लगाया गया। वहीं पांच प्रकार की भिगी हुई दाल, ठंडाई, शरबत, अमरस, कचोरी, मिठरी, लड्डू, सलोनी का भोग अर्पित किया गया। जलयात्रा झांकी के बाद ठाकुर श्रीजी व राधा रानी का जुगल में पंचामृत अभिषेक दर्शन हुए। आरती के बाद भक्तों में पंचामृत प्रसाद वितरण किया गया। वहीं शहर के अन्य मंदिरों में भी ठाकुरजी का ज्येष्ठाभिषेक किया गया।