
कच्ची बस्तियां जस की तस, सरकार की योजना पर फिरा पानी
अश्विनी भदौरिया/जयपुर. शहर में एक ओर कच्ची बस्तियां घटने की बजाय लगातार बढ़ रही हैं जबकि दूसरी ओर गरीबों के लिए बने आशियाने खाली पड़े हैं। कई जगह तो ये आशियाने खस्ताहाल हो गए हैं। फ्लेट बनाकर कच्ची बस्तियों के लोगों को उनमें शिफ्ट करने के लिए जेडीए ने केंद्र और राज्य सरकार से खूब फंड लिया। बीएसयूपी योजना के तहत कई जगह फ्लैट बनाए भी, लेकिन 7800 फ्लैट 3 साल से खाली ही पड़े हैं। कुछ कच्ची बस्तियों को हटाने के लिए जेडीए और नगर निगम ने योजना बनाई लेकिन उसे अब तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। ऐसे में लोग आज भी सड़क किनारों पर रह रहे हैं और संबंधित इलाकों में आवाजाही प्रभावित हो रही है।
आवासों की स्थिति
2,896 जयसिंहपुरा खोर
588 स्वप्नलोक
1,322 जयसिंहपुरा बास
4,110 आनंदलोक सिटी प्रथम, द्वितीय
8,916 कुल
(इनमें से जयसिंहपुरा खोर में 600, जयसिंहपुरा बास में 500 मकानों में लोग रह रहे हैं। यानी 7800 से अधिक मकान खाली पड़े हैं। वहीं, जेडीए जयसिंहपुरा खोर में बने फ्लैट्स में से 1968 फ्लैट निगम को सौंपने की तैयारी में है)
फ्लैट में रहें कैसे
जयसिंहपुरा खोर और जयसिंहपुरा बास में 1000 से अधिक परिवार रह रहे हैं। इन लोगों को कामकाज के लिए शहर आना होता है लेकिन इसके लिए साधन नहीं हैं। बच्चों के स्कूल तक छूट गए हैं। ऐसे में कुछ लोग तो वापस आकर शहर में ही रहने लगे हैं।
अब उपायुक्तों से मांगी रिपोर्ट
- बीते दिनों जेडीए में हुई बैठक में सभी जोन उपायुक्तों को खाली फ्लैट्स की सूची बनाकर देने के लिए कहा गया है। अब 20 फरवरी को वापस बैठक होगी।
- कच्ची बस्तियों की वर्तमान स्थिति देखकर 10 दिन में स्टेटस रिपोर्ट जेडीसी को देनी होगी।
- दस दिन में एक्शन प्लान तैयार कर 200 ऐसे विस्थापित लोगों की सूची तैयार करनी होगी, जो शिफ्ट होने के लिए तैयार हों।
- चेतना बस्ती शिफ्ट करने के लिए जेडीए जयसिंहपुरा खोर में बने 1968 फ्लैट का कब्जा नगर निगम को सौंपेगा।
Published on:
11 Feb 2019 01:02 pm
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