
बिहार में दो ट्रैक बिछाने जा रहा है रेलवे। (फोटो-एआई)
जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे ने जोन में रेल दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण और हाई-स्पीड ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए नई सुरक्षा फेंसिंग व बाउंड्रीवॉल पॉलिसी लागू करने का निर्णय लिया है। पहली बार किसी जोन की समस्त रेलवे लाइनों को दोनों ओर से पूरी तरह कवर करने की नीति बनाई गई है। जिससे मवेशियों और अनधिकृत लोगों का ट्रैक तक पहुंचना रोका जा सकेगा। दरअसल, उत्तर पश्चिम रेलवे जोन के अधिकांश प्रमुख रेल मार्गों की स्पीड क्षमता 130 किमी प्रति घंटा तक बढ़ चुकी है, लेकिन रेलवे लाइनें पूरी तरह कवर नहीं होने के कारण ट्रेनें पूर्ण गति से संचालन नहीं कर पा रही हैं। ट्रैक पर मवेशियों के आ जाने और अनाधिकृत क्रॉसिंग के चलते दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। इसे देखते हुए रेलवे बोर्ड और आरडीएसओ के दिशा-निर्देशों के आधार पर जोनल रेलवे ने नई नीति लागू करने का फैसला लिया है।
नई नीति के तहत उन रेल मार्गों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां 120 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में, जहां अतिक्रमण और ट्रैक पार करने की समस्या अधिक है, वहां कास्ट-इन-सिटू आरसीसी या प्रीकास्ट पीएससी पैनल व कॉलम आधारित बाउंड्रीवॉल का निर्माण किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि, आपातकालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हर दो किलोमीटर पर इमरजेंसी गेट बनाए जाएंगे। रेलकर्मी, आमजन और ग्रामीणों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे लाइन पार करने के लिए पैदल सब-वे भी बनाए जाएंगे। उत्तर पश्चिम रेलवे के करीब 2 हजार रनिंग किलोमीटर रेल रूट पर रेलवे लाइन के दोनों ओर फेंसिंग और बाउंड्रीवॉल का कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है।
Published on:
23 Dec 2025 08:44 pm
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