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फिर उसी राह पर:नहीं ली सीख…एक ही कम्पनी उठाएगी 4.83 लाख घरों से कचरा

घर-घर कचरा संग्रहण करने वाली बीवीजी कम्पनी की मनमानी से भी ग्रेटर नगर निगम अधिकारियों ने सीख नहीं ली। बीवीजी तो चली गई, लेकिन नए सिरे से जो व्यवस्था की जा रही है, उसमें ग्रेटर निगम के सभी 150 वार्डों का कचरा संग्रहण एक ही फर्म को दे दिया गया। यानी निगम सीमा क्षेत्र के करीब 4.83 लाख घरों से कचरा उठाने का काम एक ही फर्म को दे दिया गया है।

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फिर उसी राह पर:नहीं ली सीख...एक ही कम्पनी उठाएगी 4.83 लाख घरों से कचरा

फिर उसी राह पर:नहीं ली सीख...एक ही कम्पनी उठाएगी 4.83 लाख घरों से कचरा

अश्विनी भदौरिया. जयपुर. घर-घर कचरा संग्रहण करने वाली बीवीजी कम्पनी की मनमानी से भी ग्रेटर नगर निगम अधिकारियों ने सीख नहीं ली। बीवीजी तो चली गई, लेकिन नए सिरे से जो व्यवस्था की जा रही है, उसमें ग्रेटर निगम के सभी 150 वार्डों का कचरा संग्रहण एक ही फर्म को दे दिया गया। यानी निगम सीमा क्षेत्र के करीब 4.83 लाख घरों से कचरा उठाने का काम एक ही फर्म को दे दिया गया है।जबकि, बीवीजी से परेशान होकर निगम अधिकारियों ने तय किया था कि एक कम्पनी को अधिकतम दो जोन ही दिए जाएंगे। ताकि हड़ताल होने की स्थिति में पूरे शहर की कचरा संग्रहण व्यवस्था खराब न हो। लेकिन, पांच माह बाद निगम ने एक ही फर्म को सभी वार्डों से कचरा उठाने का काम दे दिया।

बढ़ गई कचरा उठाने की दर

जुलाई, 2022 में मालवीय नगर और अगस्त, 2022 में मुरलीपुरा में कचरा संग्रहण का काम शुरू किया था। तब 111 रुपए प्रति घर से कचरा उठाने की दर तय हुई थी। नए टेंडर में हर घर से कचरा उठाने की दर 12 से 32 रुपए तक बढ़ गई।

इन जोन में भी दिया काम

जोन हूपर घर किमी

विद्याधर नगर 46 60111 357

झोटवाड़ा 82 63040 978

जगतपुरा 68 59720 859

मानसरोवर 62 61205 569

सांगानेर 46 53312 516

-इससे पहले ये ही फर्म मालवीय नगर के 60 हजार और मुरलीपुरा के 81 हजार घरों से कचरा संग्रहण का काम कर रही है।

नहीं था कोई दूसरा विकल्प

वेस्टर्न इमेजनरी ट्रांसकॉन को पांच जोन के कचरा संग्रहण का काम मिला है। इनमें से तीन जोन का काम वी केयर एन्वायरो के साथ ये कम्पनी कर रही है। पहले के दो जोन में भी यही कम्पनी है। दो बार टेंडर निरस्त हो चुके, कोई फर्म मानकों पर खरी नहीं उतर रही थी। इस वजह से कोई विकल्प भी नहीं बचा था।

-मनोज शर्मा, एक्सईएन, प्रोजेक्ट (ग्रेटर नगर निगम)

जमीन पर कोई फायदा नहीं

बीवीजी: कचरा संग्रहण के लिए हर वार्ड में कम्पनी ने दो से तीन हूपर लगाए थे। इसकी निगरानी के लिए एक टीम भी नियुक्त की गई थी। हालांकि, बीवीजी ने तीन वर्ष तक टीम ने बिना निगरानी के ही काम किया।

अब: हूपर के रूट निर्धारित किए गए हैं और जोन वाइज हूपर दिए गए हैं। निगरानी के लिए टीम भी है।

ये भी नहीं कर रही कम्पनी

-मालवीय नगर और मुरलीपुरा जोन में अब तक गीला-सूखा कचरा अलग-अलग लेना शुरू नहीं किया है।

-रीयल टाइम मॉनिटरिंग की भी कोई व्यवस्था नहीं है।

-रूट चार्ट तो बना है, लेकिन कई जगह हूपर न रुकने की शिकायतें आती हैं।

हैरिटेज में दो को दे दिया काम

बीवीजी की रवानगी के बाद हैरिटेज निगम में दो फर्मों को काम दे रखा है। आदर्श नगर, हवामहल-आमेर, सिविल लाइन्स जोन का काम एक फर्म और किशनपोल जोन का काम दूसरी फर्म के पास है।