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आध्यात्मिक महोत्सव ज्ञानम की हुई शुरुआत

locationजयपुरPublished: Sep 08, 2018 09:51:24 pm

Submitted by:

Harshit Jain

-विभिन्न सत्रों में धर्म, आध्यात्म, संस्कृति और संस्कारों पर धर्माचार्यों ने की परिचर्चा, विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि नहीं हूं राज्य और केन्द्र सरकार का प्रवक्ता

jaipur

आध्यात्मिक महोत्सव ज्ञानम की हुई शुरुआत

जयपुर.
हर धर्म किसी न किसी ज्ञान से भरपूर है लेकिन ज्ञान धर्म से भी ज्यादा बड़ा है इसकी कोई सीमा नहीं है। इबादत करने का तरीका सबका अलग-अलग है। मुल्ख को मोहब्बत की जरूरत है। यह विचार थे ज्ञानम फाउंडेशन की ओर से दो दिवसीय आध्यात्मिक महोत्सव ज्ञानम के दौरान विभिन्न धर्मों के धर्माचार्यों के। टोंक रोड स्थित एक होटल में हो रहे इस कार्यक्रम में पांच सत्रों के दौरान धर्म, आध्यात्म, संस्कार और संस्कृति विख्यात आध्यात्मिक चिंतकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन और ज्ञानम संस्थान से जुड़ी पुस्तक विमोचन से हुई। इसके साथ ही भारत की वर्तमान, आध्यात्मिक, राजनीतिक और सामाजिक स्थिति के साथ ही विभिन्न सम-सामयिक विषयों पर विचार मंथन भी हुआ।
कार्यक्रम के पहले सत्र में धर्म क्या है विषय पर गोस्वामी सुशील महाराज, ऑल इण्डिया इमाम ऑर्गेनाजेशन के चीफ इमाम डॉ.उमर अहमद इलियासी, बिशप थ्रेडोर मस्केयरहर्स और विधायक ज्ञानदेव आहूजा के बीच परिचर्चा हुई। इस सत्र का संचालन डॉ.कुमार गणेश ने किया। दूसरे सत्र में साधु और संत को परिभाषित करने की जरूरत क्यों विषय पर बालमुकुन्दाचार्य महाराज, साध्वी अनादि सरस्वती, ज्योतिष धर्मगुरू डॉ.धनेशमणि त्रिपाठी और इवेन्ट गुरू अरशद हुसैन ने संवाद किया।
गौतस्करी के थे केस
अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि दुनिया में एक ही धर्म है और वो है हिन्दू। बाकी सम्प्रदाय और जातियां हैं। हिन्दू किसी मजहब के खिलाफ नहीं बल्कि प्रकृति, सृष्टि को पूजता है। हिन्दू यहां की राष्ट्रीयता है। देश हमारी मां है और कोई मां की बेइज्जती करे तो वह हमें बर्दाश्त नहीं है। वहीं मॉब लिंचिंग की घटना पर चर्चा के दौरान इमाम उमर अहमद ने कहा कि अलवर में ज्यादातर यदुवंशी हैं जो गाय काटने वाले नहीं बल्कि पालने वाले हैं, लेकिन पालने वालों को भी मारा जाए तो वह गलत है। इसके जवाब में आहूजा ने कहा कि रकबर और असलम पर गौतस्करी के केस थे। जब उन्हें रोका गया तो वह कच्चे रास्तों से क्यो भागे। उन्होंने पुलिस पर भी गौतस्करी में शामिल होने का आरोप लगाया। बिशप ने आहूजा से सवाला पूछा कि क्या बीफ एक्सपोर्ट भारत से बंद हो जाएगा, इसके बदले में आहूजा ने कहा कि वह केन्द्र या राज्य सरकार के प्रवक्ता नहीं हैं।

अटल काव्य निशा में दी पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धांजलि
फाउंडेशन के अध्यक्ष दीपक गोस्वामी ने बताया कि दोपहर में सनातन अखण्ड भारत शास्वत सत्य क्यों विषय पर विभिन्न वक्ताओं के बीच संवाद हुआ। वहीं युवा आध्यात्म, ज्ञान, आचरण और आत्मिक शान्ति एक परिकल्पना विषय के बाद मंत्रज्ञ निर्मला सेवानी का कलेक्टिव मेडिटेशन हुआ। शाम को हुए कार्यक्रम में अटल काव्य निशा का आयोजन हुआ। जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गई। काव्य गोष्ठी में गोपाल शर्मा प्रभाकर, केबी पण्ड्या सहित अन्य कवियों ने कविताओं के जरिए पूर्व प्रधानमंत्री को याद किया।
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