
पांच साल में 1.50 लाख नए रोजगार, 20 हजार नई एमएसएमई इकाईयां खुलेंगी
जयपुर. राज्य सरकार को सूक्ष्म, लघु और मंझोले उद्योगों (एमएसएमई) के जरिए अगले पांच साल में प्रदेश में डेढ़ लाख नए रोजगार की आस है। सरकार ने हाल ही में जारी हुईं एमएसएमई नीति और हैंडीक्राफ्ट नीति में यह परिकल्पना की है। नीतियों में हस्तशिल्प उद्योग, हस्तशिल्पियों और छोटे उद्योगों को वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा संबंधी कई प्रावधान किए गए हैं। उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने नीतियां जारी करते हुए कहा है कि हस्तशिल्प नीति से हस्तशिल्प क्षेत्र में 5 वर्षों में 50 हजार से अधिक नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। जबकि, एमएसएमई नीति-2022 में सरकार ने एक लाख लोगों को रोजगार और 20 हजार नई एमएसएमई इकाइयां स्थापित करने की परिकल्पना की है।
एमएसएमई नीति: कम होगी जोखिम की मार, बढ़ेगा निर्यात
एमएसएमई नीति के तहत सूक्ष्म श्रेणी की इकाइयों को दुघर्टना की िस्थति में मुफ्त रिस्क कवर का प्रावधान है। जबकि लघु और मध्यम श्रेणी की इकाइयों को भी रियायती बीमा प्रीमियम दरों पर मुख्यमंत्री एमएसएमई सुरक्षा योजना का लाभ दिया जाएगा। सरकार ने इन इकाइयों से निर्यात में दस प्रतिशत की सालाना बढ़ोतरी और प्रदेश का निर्यात नीति अवधि में एक लाख करोड़ पहुंचाने की परिकल्पना की है। नीति में समान प्रकृति की इकाइयों के लिए क्लस्टर आधारित विकास, श्रमिकों के कौशल विकास के प्रावधान भी हैं।
हैंडीक्राफ्ट नीति: हस्तशिल्पी, दस्तकारों को सामाजिक-वित्तीय सुरक्षा
हैंडीक्राफ्ट नीति में हस्तशिल्पी, दस्तकारों को तीन लाख रुपए तक के ऋण पर देय पूरा ब्याज सरकार की ओर से वहन करने का प्रावधान है। 18 से 50 वर्ष के हस्तशिल्पियों का समूह बीमा होगा। राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत दस्तकारों, बुनकरों के बच्चों को मान्यता प्राप्त हस्तशिल्प संस्थान से डिग्री, डिप्लोमा करने पर छात्रवृत्ति मिलेगी। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में शिल्पकारों के अंश का भुगतान सरकार करेगी। हस्तशिल्प की श्रेणियों में हर साल राज्य स्तरीय पुरस्कार, रा्ष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त और पंजीकृत हस्तशिल्पियों को रेल, बस किराए के भुगतान का प्रावधान नीति में है।
Published on:
18 Sept 2022 07:55 pm
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