30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हनुमान चालीसा: लाखों में मिले लाइक्स, तनाव दूर करने व जीवन में मंगल के लिए है मूल मंत्र

मनोवैज्ञानिकों और ज्योतिषाचार्यों के अनुसार हनुमान चालीसा की प्रत्येक चौपाई को मंत्र माना गया है। इसके जाप से न केवल आत्मबल मजबूत होता है, बल्कि इसे तनाव प्रबंधन का मूल मंत्र भी कहा जाता है।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Shipra Gupta

May 08, 2023

hanuman_chalisa.jpeg

जयपुर. कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पूर्व सियासी दलों के लिए मतदाताओं को साधने का बड़ा मुद्दा बने बजरंग बली ने एक और बड़ा कारनामा कर दिखाया है। दरअसल, गायक हरिहरन की आवाज में गाया गया हनुमान चालीसा का वीडियो यू-ट्यूब पर अब तक 300 करोड़ से अधिक बार लोग देख-सुन चुके हैं। करीब 9.41 सैकंड का यह वीडियो ऐसा पहला भारतीय वीडियो है, जिसे कि देश-दुनिया में तीन अरब बार प्ले किया जा चुका है। साथ ही इसके लाइक्स की संख्या भी लाखों की संख्या में है।

मनोवैज्ञानिकों और ज्योतिषाचार्यों के अनुसार हनुमान चालीसा की प्रत्येक चौपाई को मंत्र माना गया है। इसके जाप से न केवल आत्मबल मजबूत होता है, बल्कि इसे तनाव प्रबंधन का मूल मंत्र भी कहा जाता है। कोरोना काल में भी राजधानी में कई जगह पर हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ हुआ था।

राजधानी के मंदिरों में भी नियमित हनुमान चालीसा का पाठ हो रहा है।

.शहर के प्रमुख हनुमान मंदिर, जहां नियमित हो रहा जाप

.घाट के बालाजी, गलता रोड

.दक्षिण मुखी बालाजी मंदिर, हाथोज

.खोले के हनुमान जी, दिल्ली रोड

.पापड़ के हनुमानजी, विद्याधर नगर

.काले हनुमानजी, चांदी की टकसाल

.चिन्ताहरण काले हनुमान जी, न्यू सांगानेर रोड

.ढेहर के बालाजी मंदिर, ढेहर के बालाजी

नियमित जाप से मंगल ग्रह की भी आराधना

हनुमान चालीसा के जाप से स्वत: मंगल ग्रह की आराधना होती है। मंगल ग्रह पराक्रम, पुरुषार्थ और आत्मबल का कारक माना जाता है। इसके नियमित जाप से साधक के इन गुणों की वृदि्ध होती है। इसके नियमित जाप से उसकी राशि में मंगल ग्रह का विशेष योगदान रह जाता है।
— पं. दामोदर प्रसाद शर्मा, ज्योतिषाचार्य

पत्रिका की पहल
कोरोना की दूसरी लहर में घरों में शुरू हुआ था हनुमान चालीसा का जाप
कोरोना काल की दूसरी लहर में लॉकडाउन के दौरान पत्रिका ने कीर्तन, अजान, अरदास-प्रार्थना की आवाज लॉक... शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद जवाहर नगर, सेक्टर 6 सहित शहर के अन्य इलाकों में लोगों ने स्थानीय पार्क को ही आस्था के दरबार बना लिया था। हनुमान चालीसा के पाठ से शुरुआत के बाद प्रार्थना-आरती की जाती थी।

जीवन प्रबंधन की सीख देते हैं हनुमान

1. सीखने की लगन
माता अंजनी, पिता केसरी के साथ ही धर्म पिता पवन पुत्र और शबरी के गुरु ऋषि मतंग से भी शिक्षा ली। भगवान सूर्य से भी विद्या ग्रहण की।

2. कार्य में कुशलता और निपुणता
सुग्रीव की सहायता के लिए श्रीराम से मिलवाया। राम-रावण युद्ध से पूर्व वानर सेना तैयार करने और समुद्र पार करने में कार्य कुशलता का परिचय दिया।

3. प्लानिंग-कमिटमेंट
विभीषण से मित्रता कर सीता माता का पता लगाया। विभीषण को प्रभु राम से मिलवाया। माता सीता को अंगूठी देकर लंका जलाई और सकुशल लौटे।

4. दूरदर्शिता : लंका विजय के लिए सुग्रीव और विभीषा से भगवान राम की मैत्री करवाई ।

5. नीति कुशल
सुग्रीव के श्रीराम का साथ छोड़ देने पर हनुमानजी ने श्रीराम के कार्यों के प्रति उनकी जिम्मेदारी और मैत्री धर्म की याद दिलाई। लंका विजय की सेना का हिस्सा बनाया।

6. साहसी-निर्भीक
रावण के दरबार में उसे सीख देना और अपनी बात कहने का नैतिक साहस। रावण भी हनुमानजी के साहस और बुद्धि कौशल का प्रशंसक था।

7. लीडरशिप
कठिनाइयों पर विजय पाने और सबको साथ लेने की हनुमानजी की क्षमता के कारण श्रीराम ने उन्हें वानर सेना का लीडर बनाया।

8. हर परिस्थिति में मस्त रहना
लंका में अशोक वाटिका में उछल-कूद की, फल खाए और बगीचे को उजाड़ दिया। लंका में आग लगाने के बाद भी मस्त रहे।

9. धैर्य

10. विनम्रता