scriptअदालती आदेश के बावजूद रिहाई में डेढ महीने देरी,हाईकोर्ट ने लगाया एक लाख का हर्जाना | HC imposed one lac cost for not realising inmate despite court order | Patrika News
जयपुर

अदालती आदेश के बावजूद रिहाई में डेढ महीने देरी,हाईकोर्ट ने लगाया एक लाख का हर्जाना

(Rajasthan Highcourt ) हाईकोर्ट ने (court order) अदालती आदेश के बावजूद भी डेढ महीने तक (inmate) कैदी को (permanent Parole) स्थाई पैरोल पर (release) रिहा नहीं करने पर सरकार पर (rs One Lac ) एक लाख रुपए (cost) हर्जाना लगाया है और (recovery) वसूली (delinquent officers) दोषी अधिकारियों से करने के निर्देश दिए हैं।

जयपुरJul 09, 2020 / 10:57 pm

Mukesh Sharma

अदालती आदेश के बावजूद रिहाई में डेढ महीने देरी,हाईकोर्ट ने लगाया एक लाख का हर्जाना

अदालती आदेश के बावजूद रिहाई में डेढ महीने देरी,हाईकोर्ट ने लगाया एक लाख का हर्जाना

जयपुर
(Rajasthan Highcourt ) हाईकोर्ट ने (court order) अदालती आदेश के बावजूद भी डेढ महीने तक (inmate) कैदी को (permanent Parole) स्थाई पैरोल पर (release) रिहा नहीं करने पर सरकार पर (rs One Lac ) एक लाख रुपए (cost) हर्जाना लगाया है और (recovery) वसूली (delinquent officers) दोषी अधिकारियों से करने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश अशोक कुमार प्रजापति की ओर से दायर अवमानना याचिका पर दिए। कोर्ट ने एक लाख रुपए हर्जाना राशि की वसूली कर याचिकाकर्ता को देने को कहा है।
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता दुष्कर्म के मामले में दौसा जेल में बंद है। सात साल की सजा पूरी होने के चलते हाईकोर्ट ने 21 मई को याचिकाकर्ता को स्थाई पैरोल पर रिहा करने को कहा था। अदालती आदेश के बावजूद याचिकाकर्ता को रिहा नहीं किया गया। अदालती दखल के बाद याचिकाकर्ता को आठ जुलाई को रिहा किया गया। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि अधिकारियों ने जानबूझकर अदालती आदेश की अवमानना की और इस कारण उसे 21 मई से सात जुलाई तक बिना कारण जेल में रहना पडा। इस पर कोर्ट ने दोषी अधिकारियों पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाते हुए हर्जाना राशि याचिकाकर्ता को देने को कहा है।
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