
जयपुर
(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने नवगठित नगर निगम (Jaipur Greater) जयपुर ग्रेटर के (zone office) जोन ऑफिस खोलने के लिए (community centre) सामुदायिक केंद्र अधिग्रहीत करने पर (Sate govt) राज्य सरकार,(Commissioner nagar nigam)आयुक्त नगर निगम,(collector) कलक्टर,और (JDC) जेडीसी से (Reply) जवाब मांगा है। जस्टिस गोवर्धन बाढ़दार और जस्टिस नरेंद्र सिंह की बेंच ने यह अंतरिम निर्देश जाकिर हुसैन भाटी की जनहित याचिका पर दिए। मामले में अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।
एडवोकेट सिकंदर अली चोपदार ने बताया निगम ने राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार दो जून के आदेश से नवगठित नगर निगम जयपुर ग्रेटर और जयपुर हेरिटेज के जोन ऑफिस खोलने के आदेश जारी किए हैं। इस आदेश के अनुसार जयपुर ग्रेटर में मुरलीपुरा,झोटवाड़ा और अंबाबाड़ी के सामुदायिक केंद्र लिए जा रहे हैं। यह सामुदायिक केंद्र इन इलाकों की करीब तीन लाख लोगों के काम आते है। इन सामुदायिक केंद्र का उपयोग आम जनता विवाह और अन्य कार्यक्रमों के लिए रियायती दरो पर करती है। सामुदायिक केंद्र बनाने का उद्देश्य भी आमजन को सुविधा उपलब्ध करवाना ही है। यदि इनमे ऑफिस खोले गए तो आमजन सार्वजनिक सुविधा के उपयोग से वंचित हो जाएगा। यह लोक कल्याणकारी सरकार की नीति और कानून तथा नियमों के भी विपरीत है। सार्वजनिक सुविधा क्षेत्र का उपयोग नहीं बदला जा सकता। इसलिए सामुदायिक केंद्र में जोन ऑफिस खोलने के आदेश को निरस्त किया जाए।
Published on:
17 Jun 2020 05:51 pm
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