
जयपुर
(Rajasthan Highcourt )हाईकोर्ट ने (Rajasthan university) राजस्थान यूनिवर्सिटी के (VC) वीसी और (Dean Law Deptt) विधि संकाय के डीन से (conducting exams) परीक्षा आयोजन के निर्णय और (recovery of fee without conducting exams) बिना परीक्षा के परीक्षा फीस सहित (other Heads) अन्य मदों में (fee recovery) फीस वसूली पर (reply) जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्याायधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश लोकेन्द्र सिंह की जनहित याचिका पर दिए।
याचिका में कहा गया कि कोरोना महामारी का सबसे अधिक प्रभाव उन छात्रों पर पडा है जो अपने अभिभावकों या स्कॉलरशिप पर पूरी तरह से निर्भर हैं। संक्रमण के दौरान यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट करने के संबंध में कोई पुख्ता निर्णय नहीं लिया है। यूनिवसिर्टी एक ओर छात्रों को प्रोविजनल रूप से अगली कक्षा में प्रमोट करने का फैसला लिया है जबकि,दूसरी ओर छात्रों से परीक्षा फीस भी वसूल ली है। अब तक परीक्षा आयोजित कराने को लेकर कोई दिशा-निर्देश भी जारी नहीं किए हैं। महामारी के इस दौर में जब सभी को सहायता की आवश्यकता है, यूनिवसिर्टी प्रशासन बिना किसी छूट के अन्य मदों में भी फीस वसूल कर रहा है। ऐसे में यूनिवसिर्टी का यह कदम छात्रों को प्रताडित करने जैसा है। याचिका में गुहार की गई है कि छात्रों को प्रमोट करने और परीक्षाएं आयोजित कराने के संबंध में ठोस निर्णय लिया जाए। इसके साथ ही फीस माफ करने या उसमें छूट देने पर भी विचार किया जाए।
Published on:
09 Jul 2020 11:08 pm
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