
Rajasthan Weather updates : राजस्थान में गर्मी ने प्रचंड रूप धारण कर लिया है। आगामी पांच दिन हीटवेव का असर और तेज रहेगा। दिन के तापमान में भी दो डिग्री तक और बढ़ोतरी होगी। मौसम केन्द्र जयपुर ने पांच दिन प्रदेश में ऑरेज और रेड अलर्ट जारी किया है। लेकिन, क्या आपको पता है कि इस बार पिछले साल के मुकाबले भीषण गर्मी क्यों पड़ रही है?
दरसअल, जनवरी से लेकर मई के पहले सप्ताह तक लगातार कुछ दिनों के अंतराल पर आ रहे पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) वर्तमान में ऊपर की ओर उत्तरी दिशा में सरक गए हैं, जो अफगानिस्तान और चीन के ऊपर से होकर गुजर रहे हैं। उत्तरी भारत में ये विक्षोभ ही बादल, बरसात और आंधी लेकर आते हैं।
पश्चिमी राजस्थान में बीते 6 दिन से एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन (उलटी दिशा में घूमती हवा) बना हुआ है, जो भयंकर गर्मी का सबसे बड़ा कारण है। इसको हटाने के लिए विक्षोभ चाहिए लेकिन मानसून सामने (हिंद महासागर) होने से विक्षोभ के नीचे आने की अब कोई उम्मीद नहीं है।
मौसम विभाग के अनुसार अब प्री मानसून की बारिश ही भीषण गर्मी से राहत दिला सकती है। फिलहाल अगले सप्ताह तक एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना रहेगा। पश्चिमी विक्षोभ पूरे साल भर भूमध्यसागर, लाल सागर और केरेबियन सागर में बनते हैं। मानसून के मौसम को छोड़कर ये हमेशा भारत के हिमालय क्षेत्र से टकराकर उत्तरी भारत में मौसम बदलते हैं। सर्दियों में बारिश भी इन्हीं के कारण होती है।
भारत में गर्मी के दिनों में मानसून से पहले बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उष्णकटिंबधीय चक्रवात बनते हैं तो तूफानी हवाओं के साथ बारिश लाते हैं और मौसम बदलते हैं। इस साल एक भी चक्रवात नहीं आया। पिछले साल जून में बिपरजोय आया था जो 21 दिन तक चला था। वर्तमान में मानसून मालदीव, श्रीलंका के बॉर्डर और भारत में निकोबर द्वीप तक पहुंच चुका है। दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र भी बन रहा है लेकिन इसके कमजोर होने की वजह से चक्रवाती तूफान में बदलने के आसान कम ही है।
भारतीय मौसम विभाग जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने कहा कि हमारे यहां मौसम में बदलाव का सबसे बड़ा कारण पश्चिमी विक्षोभ है, जो वर्तमान में उत्तर की तरफ सरक गए हैं। मानसून होने की वजह से अब इनके आसार नहीं है। फिलहाल अगले एक सप्ताह भीषण गर्मी रहेगी।
Published on:
22 May 2024 07:11 am
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