
Hepatitis day 2020 : हेपेटाइटिस दिल से जुड़ी समस्या है।इसमें दिल की कोशिकाओं के सूज जाने के कारण नुकसान पहुंचता है। ( Hepatitis day ) विशेषज्ञों के मुताबिक हेपेटाइटिस की बीमारी भी वायरस के कारण होती है। ( Health news in hindi ) पांच वायरसों को बीमारी का जिम्मेदार बताया । हेपेटाइटिस को ए, बी, सी, डी और ई श्रेणी में रखा गया है।
हेपेटाइटिस बी और सी का संक्रमण शरीर में कई साल तक खामोश रहता है। इससे क्रोनिक हेपेटाइटिस होने का खतरा रहता है। जिसके बाद मरीज को लिवर फेल्यर और कभी-कभी लीवर कैंसर की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। भारत के 3 से 5 प्रतिशत लोग हेपेटाइटिस B के संक्रमण से जूझ रहे हैं। आसान शब्दों में इसे लिवर में हेपेटाइटिस वायरस का इन्फेक्शन कह सकते हैं।
हेपेटाइटिस A
इसका वायरस पानी और खाने के जरिए शरीर में आता है। वायरस का इन्फेक्शन होने के 15 से 45 दिन में लक्षण सामने आते हैं। अच्छी बात यह है कि ज्यादातर सभी मामलों में ए वायरस खुद-ब-खुद चला जाता है। हेपटाइटिस ए की वैक्सीन है, लेकिन खास जरूरत नहीं समझी जाती, क्योंकि यह जानलेवा नहीं है।हेपटाइटिस A क्रॉनिक नहीं होता। यह लिवर को अमूमन नुकसान नहीं पहुंचाता।
2- हेपेटाइटिस B
हेपेटाइटिस B का वायरस खून, सीमन और शरीर के अन्य तरल पदार्थ के जरिए संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंचता है। हेपेटाइटिस B बड़ी ही शांति के साथ अटैक करता है और व्यक्ति को इसके बारे में पता भी नहीं चलता।
3-हेपेटाइटिस C
हेपेटाइटिस C वायरस का इन्फेक्शन होने के करीब डेढ़ से दो महीने बाद लक्षण नजर आते हैं। कई मामलों लक्षण दिखाई देने में एक महीने से चार महीने लग जाते हैं। ऐसे मामलों को अक्यूट कहा जाता है। वहीं जब इन्फेक्शन छह महीने से ज्यादा समय से हो, तब वह क्रॉनिक कहलाता है। इसमें मरीज के पूरी तरह ठीक होने के आसार कम हो जाते हैं।
4-हेपेटाइटिस D
हेपेटाइटिस डी को डेल्टा वायरस भी कहते हैं। यह एक तरह का इंफेक्शन है और इससे लिवर में जलन और सूजन की समस्या हो जाती है। अगर सूजन काफी लंबे समय तक रहता है, ऐसी स्थिति में लिवर कैंसर होने का खतरा भी रहता है। यह कभी अकेले नहीं होता है, अगर किसी को हेपेटाइटिस B और C है, तब उसे हेपेटाइटिस D होने का खतरा रहता है।
5-हेपेटाइटिस E
यह वायरस मुंह के जरिए मानव शरीर में प्रवेश करता है। हेपेटाइटिस E का वायरस संक्रमित पानी पीने से किसी इंसान के शरीर में प्रवेश कर सकता है। दूषित खाने से भी इसका वायरस इंसानों के शरीर में प्रवेश करता है। यह भी लिवर को इफेक्ट करता है। हालांकि यह लंबे समय तक नहीं रहता है और कुछ ही महीनों में ठीक हो जाता है।
हेपेटाइटिस के लक्षण
- अधिक थकावट होना
-कई दिनों तक तेज बुखार रह रहा हो
-कम भूख लगना
- पेट में दर्द
-आंखों में पीलापन,पेशाब भी पीले रंग का हो रहा हो
हेपेटाइटिस से बचाव के तरीके
- मसालेदार और तेलीय खानों का कम सेवन करें ।
-हेपटाइटिस, मॉनसून के दौरान अधिक फैलता है, इसलिए इस मौसम में तैलीय, मसालेदार, मांसाहारी और भारी खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
-हेपेटाइटिस में केक, पेस्ट्री, चॉकलेट्स, ऐल्कॉहॉल, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ से परहेज करना ही बेहतर होता है।
- बीमारी में हरी पत्तेदार सब्जियां, विटमिन सी युक्त फल, शाकाहारी आहार, ब्राउन राइस, पपीता, नारियल पानी, सूखे खजूर, किशमिश, बादाम और इलायची का भरपूर सेवन करना चाहिए।
अगर सहीं भोजन और खान-पान के तरीकों को बदला जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है लेकिन अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया जाए तो ये जानलेवा भी साबित हो सकती है ।
Updated on:
28 Jul 2020 10:35 am
Published on:
28 Jul 2020 10:32 am
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