हैरिटेज नगर निगम ने दो माह पहले जनवरी में परकोटे में बाजारों को अतिक्रमण मुक्त करवाने का अभियान शुरू किया। निगम सतर्कता शाखा की टीम की ओर से बाजारों केा अतिक्रमण मुक्त करवाने के लिए कार्रवाई भी शुरू की। इसके बाद भी यहां के बारामदे पर्यटकों के लिए खाली नहीं हो पाए और न ही यहां के बाजारों में सुगम राह हो पाई। अतिक्रमण के चलते बाजारों में ट्रैफिक जाम जैसे हालात बने रहते हैै। बरामदों में अभी भी दुकानें सजी नजर आ रही है। त्रिपोलिया बाजार, चांदपोल बाजार, जौहरी बाजार, किशनपोल बाजार और रामगंज बाजार के साथ घाटगेट बाजार में अतिक्रमण सबसे अधिक है। बरामदों में बढता अतिक्रमण यहां के पर्यटकों और खरीददारों के लिए भी परेशानी बढ़ा रहा है। हालांकि निगम की कार्रवाई की जानकारी मिलते ही दुकानदार बाजारों से सामान हटा लेते है। ऐसे में सतर्कता शाखा की टीम पहुंचने से पहले ही कुछ जगह तो बरामदे खाली मिलते है, जो टीम के जाने के बाद फिर से बरामदे अतिक्रमण की भेंट चढ़ जाते है।
कार्रवाई करने पहुंचे तो सामने आया अतिक्रमण
परकोटे के बाजारों में निगम का सतर्कता दस्ता आए दिन कार्रवाई करता दिखाई देता हैं। इसके बाद भी बाजारों में अतिक्रमण नहीं हट पा रहा है। बरामदों के हालात जस के तस बने हुए है। निगम के अभियान के दौरान टीम कार्रवाई करने पहुंची तो बरामदे ही ढाबा और रेस्टोरेंट चलते मिले। सड़क पर भट्टियां चलती पाई गई।
व्यापारी भी परेशान
चारदीवारी के बाजारों में हो रहे अतिक्रमण को लेकर व्यापारी भी परेशान है। व्यापारियों का कहना है कि बाजारों में सड़कों पर भी अतिक्रमण है, इसलिए बरामदें भी खाली नहीं हो पा रहे है। जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल का कहना है कि शहर के सभी बाजार अतिक्रमण से मुक्त हो, इसके लिए सभी व्यापारी तैयार है, लेकिन बरामदों के साथ सड़क सीमा से भी अतिक्रमण हटने चाहिए।
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साल 2000 में ऑपरेशन पिंक में खाली करवाए बरामदे
जयपुर में साल 2000 में ऑपरेशन पिंक चला, तब शहर के बरामदें खाली करवाए गए। उसके बाद वर्ष 2012 में निगम प्रशासन व पुलिस से मिलकर ऑपरेशन परकोटा चलाया था, तब बरामदे, चौपड़ के खंदे व बाजारों से बड़ी तादात में अतिक्रमण हटाए गए। उसके बाद अब फिर हैरिटेज निगम ने अतिक्रमण हटाने का अभियान चला रहा है।