
जयपुर। हाईकोर्ट ने राजधानी के अधिकांश अस्पतालों के बिना फायर एनओसी चलने के मामले में मुख्य सचिव, प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वायत्त शासन सचिव व जयपुर नगर निगम से जवाब मांगा है। कोर्ट ने राजस्थान पत्रिका में रविवार को सुरक्षा पर सवाल....शहर में 500 से अधिक अस्पताल, फायर एनओसी 100 के पास भी नहीं शीर्षक से प्रकाशित समाचार के आधार पर प्रसंज्ञान लेकर यह आदेश दिया।
अधिवक्ता राजेश मूथा ने झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में नवजात शिशु वार्ड में आग लगने से 10 नवजातों की मौत होने और राजधानी के अस्पतालों के बारे में राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित समाचार की ओर सोमवार सुबह हाईकोर्ट का ध्यान दिलाया।
इस पर न्यायाधीश पंकज भंडारी व न्यायाधीश शुभा मेहता की खंडपीठ ने प्रसंज्ञान लेकर प्रकरण को जनहित याचिका के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया और न्यायालय के सहयोग के लिए अधिवक्ता मूथा को न्यायमित्र नियुक्त किया। समाचार में कहा गया था कि जयपुर में 500 से अधिक छोटे-बड़े अस्पताल हैं, लेकिन हैरानी की बात है अधिकतर के पास फायर एनओसी (फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट) नहीं हैं।
इससे न केवल मरीजों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा उपायों का पालन भी बहुत ही लचर है। सरकारी और निजी, दोनों प्रकार के अस्पतालों में फायर एनओसी की कमी के बावजूद नगर निगम और अग्निशमन विभाग ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
Published on:
19 Nov 2024 08:01 am
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