
जयपुर में एक दिन में 10 साल की सर्वाधिक बारिश
गरज बरस प्यासी धरती पर फिर पानी दे मौला
चिड़ियों को दाना, बच्चों को गुड़धानी दे मौला।
मौला से बारिश की दुआ का यह बेहतरीन शेर है प्रसिद्ध शायर निदा फाजली ( Nida fazali ) का। जिक्र इसलिए कि राजस्थान के ज्यादातर जिलों में लोग तरसती आंखों से आसमान को तकते हुए इंद्रदेव से बारिश के लिए ऐसी ही प्रार्थना करते रहे हैं। कमोबेश पश्चिम राजस्थान ( Western Rajasthan ) में तो अब यह आलम है कि लोग उमस से परेशान हैं, पीने के पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची है, तो किसान अकाल की आशंका को लेकर चिंतित हैं। बहरहाल, इस मानसून में बारिश के लिए तरस रहे राजस्थान के कुछ अंचलों पर इंद्रदेव ने दो दिन में कई जगह का मेहरबानी का मेह बरसा दिया। राज्य की राजधानी जयपुर और शेखावाटी में इंद्र की कृपा ऐसी बरसी कि जयपुर में जुलाई महीने में एक दिन में सर्वाधिक बारिश का दस साल का रिकॉर्ड बन गया।
जयपुर में दस साल का रिकॉर्ड
जयपुर में गुरुवार को शाम तक हुई बारिश ने गुजरे दस साल का रिकॉर्ड ( Ten Years record ) तोड़ दिया है। वैसे, गुरु-शुक्र की रात और शुक्रवार को भी दिनभर रिमझिम जारी रही। एक दिन में सर्वाधिक बारिश का पिछला रिकॉर्ड ( Record ) बीते 25 जुलाई 2018 का था, तब 85.4 मिमी बारिश दर्ज हुई थी। वहीं बीती शाम तक हुई 90.3 मिमी बारिश बीते दस साल की तुलना में सर्वाधिक रही है।
जयपुर में एक दिन की बारिश
2008 में 83.6 मिमी,
2010 में 76.5 मिमी,
2014 में 65.7 मिमी,
2016 में 68.8 मिमी
2017 में 65 मिमी
प्रदेश में मानसून मेहरबान
कुछ जिलों को छोड़कर प्रदेश के अधिकांश जिलों में मानसून फिलहाल मेहरबान हो रहा है। आसमान में बादलों डेरा है। जयपुर में बीती रात से लेकर शुक्रवार अपराह्न तक रिमझिम बारिश जारी रही। शुक्रवार सुबह तो घटाओं से गुलाबी नगर (pink city ) पर अंधेरा छा गया और झमाझम बारिश ( Heavy rain ) होने पर मौसम सुहावना बना रहा।
कहां कितने बरसे मेघ
प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों में भारी बारिश को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। सीकर, झुंझुनूं और चूरू में हुई मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। सीकर में तो जल प्लावन के हालात हैं, वहां में प्रदेश में सर्वाधिक दस इंच से ज्यादा बारिश बीती रात तक ही दर्ज हो चुकी है। शुक्रवार सुबह तक जयपुर कलेक्ट्रेट पर सुबह 20 मिमी बारिश दर्ज हुई। तो, जिले के सांभर में 96, बस्सी 68, चाकसू 60, नरैना 48, फुलेरा 40, मौजमाबाद 32, शाहपुरा 30, कोटपूतली 20, चौमूं 32 और विराट नगर में 11 मिमी बारिश दर्ज हुई है।
तरस रहा पश्चिम राजस्थान
प्रदेश के कुछ जिलों पर भले ही मानसून की मेहर बरसी हो, लेकिन पश्चिम राजस्थान तो अब भी बारिश की बूंदों को तरस रहा है। मारवाड़-गोडवाड़ ( Marwar-Godwar ) के जोधपुर ( Jodhpur ) , पाली, नागौर, बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर, सिरोही जिलों में लोग बारिश के लिए दुआएं मांग रहे हैं। पाली ( Pali ) में तो पीने के पानी के लिए त्राहि—त्राहि मची है। पाली में तो आलम यह है कि 96 घंटों में एक बार पेयजल आपूर्ति हो रही है। उसके लिए भी पानी की ट्रेन आ रही है। जबकि ढूंढाड़ ( Dhundhar ), हाड़ौती ( Hadauti ) और शेखावाटी में इंद्रदेव मेहरबान हैं। इन हालात पर भी निदा फाजली का सटीक बैठता है—
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है।
Updated on:
26 Jul 2019 07:21 pm
Published on:
26 Jul 2019 07:14 pm
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